कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) राजीव सिन्हा को रविवार फिर राजभवन बुलाया है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए किए गए उपायों के बारे में जानकारी लेने के लिए उन्हें तलब किया गया है। इससे पहले भी राज्यपाल ने इस मामले में सिन्हा को तलब किया था। हालांकि, उस समय सिन्हा ने गवर्नर हाउस में उपस्थित होने में असमर्थता व्यक्त की।
इसके तुरंत बाद राज्यपाल ने उनका ज्वाइनिंग लेटर स्वीकार करने से इनकार कर दिया और उसे राज्य सचिवालय को लौटा दिया। अब देखना यह है कि राज्य चुनाव आयोग सामने आते हैं या नहीं। हालांकि, आयोग के सूत्रों ने बताया कि सिन्हा के रविवार शाम राजभवन में पेश होने की संभावना है।
शनिवार को ही राज्यपाल ने पुलिस को पुरुलिया स्थित तृणमूल कांग्रेस नेता धनंजय चौबे के हत्यारे को तुरंत गिरफ्तार करने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।22 जून को राज्यपाल ने त्रिस्तरीय पंचायत सिस्टम के लिए आगामी चुनावों को लेकर राज्य में खून-खराबे के लिए राज्य चुनाव आयुक्त को जिम्मेदार ठहराया था।
राज्यपाल ने उस दिन पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि मैंने राज्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया। मैंने उन पर विश्वास जताया कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेंगे। लेकिन मुझे लगता है कि आम लोग निराश हैं। इतना खून-खराबा हुआ। राज्यपाल की यह टिप्पणी 21 जून को कलकत्ता हाईकोर्ट के प्रमुख टीएस शिवगणनम की खंडपीठ की एक कड़ी टिप्पणी के मद्देनजर आई है।
जिसमें उन्होंने राज्य चुनाव आयोग को सलाह दी थी कि यदि वह अपना कर्तव्य निभाने में असमर्थ हैं तो उन्हें अपनी कुर्सी से हट जाना चाहिए।न्यायमूर्ति शिवगणम ने कहा था कि उस स्थिति में राज्यपाल किसी और को नियुक्त करेंगे। 8 जून को चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से पिछले 17 दिनों के दौरान चुनाव संबंधी हिंसा में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। पंचायत चुनाव 8 जुलाई को होना है और मतगणना 11 जुलाई को होगी।