कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर सात विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की है। जिन सात विश्वविद्यालयों में रविवार को अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की गई, उनमें प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी, मौलाना अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ बर्द्धवान भी शामिल हैं। प्रोफेसर राज कुमार कोठारी को पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय का अंतरिम कुलपति नियुक्त किया गया है, जबकि न्यायमूर्ति सुभ्राकमल मुखर्जी को प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय का अंतरिम कुलपति बनाया गया है।
उनके पास रबींद्र भारती विश्वविद्यालय का अंतरिम प्रभार भी है। प्रोफेसर देबब्रत बासु को उत्तर बंग कृषि विश्वविद्यालय का अंतरिम कुलपति नियुक्त किया गया है, जबकि प्रोफेसर तपन चंदा को मौलाना अबुल कमाल आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी का अंतरिम कुलपति बनाया गया है। प्रोफेसर गौतम चक्रवर्ती को बर्द्धवान विश्वविद्यालय का प्रभार दिया गया है और प्रोफेसर इंद्रजीत लाहिड़ी को नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी का अंतरिम कुलपति बनाया गया है।
प्रोफेसर श्याम सुंदर दाना को पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय का अंतरिम कुलपति नियुक्त किया गया है। सूत्रों ने बताया कि नौ अन्य विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों के नाम भी तय कर लिए गए हैं और उन्हें ‘‘जल्द ही’’ नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा, राज्यपाल ने ‘‘छात्रों की समस्याओं को हल करने’’ के लिए यह फैसला लिया
है। सूत्रों के मुताबिक, अंतरिम कुलपतियों के चयन के मानदंड पात्रता, उपयुक्तता, क्षमता, इच्छा और वांछनीयता रहे।
इससे पहले, राज्यपाल बोस ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा है कि कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल को राज्य सरकार से परामर्श लेने की आवश्यकता है, लेकिन उसने यह भी कहा है कि उन्हें (राज्यपाल को) कुलपतियों की नियुक्ति करते समय राज्य सरकार की सहमति की जरूरत नहीं है।