कोलकाता। मत्स्य पालन और डेयरी क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने विशेष पहल की है। राज्य मत्स्य पालन विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया है कि इस क्षेत्र में जोखिमों की पहचान करने और वर्तमान प्रबंधन तरीकों की समीक्षा करने के प्रयास के तहत कोलकाता के पास एक अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 24 अंतर्रष्ट्रीय प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
कार्यशाला आईसीएआर-केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर में आयोजित की जा रही है। यह 19 दिसंबर तक चलेगी। आयोजकों ने बताया कि कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम जैसे देशों के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्र में मौजूदा प्रबंधन तरीकों की समीक्षा करना, बाधाओं, जोखिमों और अन्य समस्याओं की पहचान करना और उनका समाधान करना है।
आईसीएआर-सीआईएफआरआई के निदेशक डॉ बी के दास ने कहा कि यह कार्यशाला क्षेत्रीय क्षमता निर्माण प्रयासों और क्षेत्र में अंतरदेशीय समुद्री क्षेत्र में मत्स्य पालन और डेयरी के व्यावहारिक अनुभवों के लिए एक मंच प्रदान करेगी। उन्होंने कार्यशाला में हिस्सा लेने वाले देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग के माध्यम से पेशेवरों के ज्ञान और कौशल को कुशलतापूर्वक बढ़ाने का आह्वान किया।
दास ने बताया कि मत्स्य पालन और डेयरी खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए आवश्यक क्षेत्र हैं जो लाखों लोगों को आजीविका प्रदान करते हैं और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं लेकिन इन क्षेत्रों को जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक मछली पकड़ने और प्रदूषण सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
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