कोलकाता/नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान मंत्री पद से हटाए जाने के बाद नाराज पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो तृणमूल में शामिल होने के बाद मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को आसनसोल लोकसभा के सांसद पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया। आसनसोल से भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो हाल ही में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे, अतः मंगलवार को आसनसोल के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है।
बाबुल सुप्रियो ने मंगलवार सुबह 11.30 बजे लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात करने के बाद उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। उल्लेखनीय है कि हाल ही में बाबुल सुप्रियो भाजपा से नाता तोड़ कर तृणमूल में शामिल हो गए थे। दुर्गा पूजा के दौरान वह ममता बनर्जी के साथ गाना गाते दिखाई दिए थे। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के ठीक बाद बाबुल सुप्रियो ने स्पष्ट कर दिया था कि वह सांसद पद पर नहीं रहेंगे, क्योंकि यह अनैतिक होगा।
वह भाजपा के टिकट पर आसनसोल के सांसद चुने गए थे और चुकी वह अब भाजपा में नहीं हैं। इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने कहा कि आसनसोल के प्रति उनका विशेष लगाव है और आसनसोल को लेकर विशेष दायित्व है। उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी उनके खिलाफ कई बातें कही हैं। उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। अब उम्मीद कर रहे हैं कि उनके पिता भी इस्तीफा देंगे। बता दें कि चुनाव के पहले शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी पीएम मोदी के मंच पर आये थे।
बाबुल सुप्रियो ने कहा कि वह बाबा रामदेव के कारण ही राजनीति में आये थे। वह हरिद्वार जाकर बाबा रामदेव से मुलाकात करेंगे। बता दें कि बाबुल सुप्रियो दो बार भाजपा से 2014 में और 2019 में आसनसोल संसदीय क्षेत्र से जीते थे। वह नरेंद्र मोदी मंत्रालय में केंद्रीय राज्यमंत्री भी बने, लेकिन चीजें दूसरी तरफ जाने लगीं और उन्हें कैबिनेट फेरबदल में हटा दिया गया था, उसके बाद से वह नाराज चल रहे थे।
पहले उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया था, लेकिन अचानक ही वह तृणमूल में शामिल हो गए थे। इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने कहा कि जिस पार्टी से दिल नहीं लग रहा था वहां रह कर क्या करते। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मन लगाकर काम करने के लिए कहा है। वह बंगाल के लिए काम करेंगे।
18 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए बाबुल सुप्रियो ने पहले घोषणा की थी कि अध्यक्ष से मिलने के बाद वह इस्तीफा दे देंगे। हालांकि कुछ उदाहरण ऐसे भी हैं कि सांसद और विधायक पार्टी छोड़ने के बाद भी अपना पद नहीं छोड़ते हैं। हालांकि करीब एक महीने बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया है। हालांकि इसके पहले भी बाबुल सुप्रियो इस्तीफा देने के लिए दिल्ली गए थे, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उन्हें समय नहीं मिल पाया था। इस कारण वह सांसद पद से इस्तीफा नहीं दे पाये थे।