बंगाल: तीन दशक में पहली बार कांथी चुनाव मैदान में नहीं होगा कोई ‘अधिकारी’

कोलकाता। बंगाल में नगर निगम चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। सभी पार्टियां अपना पूरा जोर लगा रही हैं। इस चुनाव में फिलहाल कांथी नगर पालिका काफी चर्चा में है। असल में, पिछले तीन दशकों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि पूर्वी मिदनापुर जिले में कांथी नगर पालिका चुनाव में वार्ड नंबर 21 से, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के परिवार में से कोई भी चुनाव नहीं लड़ रहा है। 12 फरवरी को होने वाले चुनाव में, इस सीट से बीजेपी का कोई और उम्मीदवार चुनाव लड़ने जा रहा है।

बता दें कि पिछले 36 साल से हर बार अधिकारी परिवार ही स्थानीय नगर पालिका चुनाव लड़ता आया है। शुभेंदु के भाई सौमेंदु, 2010 से 2020 तक, दस साल कांथी नगरपालिका के अध्यक्ष रहे, जो बाद में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पास चली गई। अधिकारी परिवार ने कहा है कि ये किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं है। ये बीजेपी के प्रत्याशी के बारे में है। इस मामले ने टीएमसी को बीजेपी पर हमला करने का मौका दे दिया है।

सौमेंदु अधिकारी का कहना है कि बीजेपी को नगर पालिका चुनावों के लिए जो सबसे सही लगा, वही उन्होंने किया है। उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ बीजेपी को वोट देने के बारे में है, यहां कोई व्यक्तिगत वोट नहीं है, यह एक उम्मीदवार को वोट देने के बारे में है, मेरा तो यही मानना ​​है. उम्मीदवार के तौर पर कौन चुनाव लड़ता है, यह कोई बड़ी बात नहीं है।

टीएमसी ने इस इसपर कटाक्ष करते हुए कहा है कि अधिकारी परिवार हारने से डरता है और इसलिए वह कांथी नगर पालिका चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। टीएमसी विधायक और एगरा नगर पालिका समिति के सदस्य, उत्तम बानिक ने कहा है, अधिकारी परिवार हार महसूस करने से पहले ही सरेंडर कर दिया है और इसलिए उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। नहीं तो भाजपा के पास अधिकारी परिवार को टिकट देने से मना करने या उन्हें अहमियत न देने की हिम्मत नहीं है। अगर अधिकारी परिवार चुनाव लड़ता है और हार जाता है तो यह बहुत हैरानी वाली बात होगी।

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