मिदनापुर। बंगाल के पश्चिम मिदनापुर में हाथियों का आतंक रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जहां बीते रविवार को दो अलग-अलग घटनाओं में हाथियों ने दो महिलाओं को मार डाला। अधिकारियों ने कहा कि खड़गपुर और झारग्राम वन इलाके में बीते आठ दिनों में हाथियों के हमले से नौ लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में पांच महिलाएं शामिल हैं। जूनियर फॉरेस्ट मिनिस्टर बीरबाहा हसदा ने कहा, ‘हम सभी मौतों को लेकर आकलन कर रहे हैं लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद हम लोगों को महुआ फूल इकट्ठा करने के लिए जंगलों में जाने से नहीं रोक पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हाथियों का एक झुंड भटक गया है। इस पर रोक के लिए हम अपने अभियान को तेज कर रहे हैं। मिदनापुर डिवीजन के डीएफओ संदीप बेरोवाल ने कहा, ‘जंगलों में हाथियों का झुंड है। वन अधिकारी पूरी कोशिश में लगे हैं कि हाथियों को गांवों में भटकने से रोका जाए। हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे महुआ फूल इकट्ठा करने के लिए जंगलों में न जाएं। क्योंकि ऐसा करने से हाथियों को शिकार करने का मौका मिलता है।
मुरकटा गांव की शिला गोराई सुबह जंगल में पत्तियां तोड़ रही थी। तभी एक हाथी ने उसे रौंद डाला। जिसके बाद गोराई को गंभीर हालत में मिदनापुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। जहां उसकी मौत हो गई। इससे ठीक एक दिन पहले खेमशुली निवासी ललिता महतो के घर भोजन की तलाश में आए हाथियों के झुंड ने धावा बोल दिया। जैसे ही महतो ने भागने की कोशिश की, उनमें से एक हाथी ने उसे उठाकर जमीन पर पटक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।