तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा होते ही कद्दावर पार्टी नेता देवाशीष चौधरी के फेसबुक पेज की टाइम लाइन पर चंद शब्द नजर आए …” विश्वासेर जायगाए बार बार आघात कोरते नेई “…। इस वाक्य से उनके समर्थकों में हड़कंप मच गया। समर्थक और विरोधी अपने – अपने तरीके से इस बात का पोस्टमार्टम करने लगे। कई लोगों ने उनके पोस्ट पर टिप्पणी की तो कई ने साझा भी किया। सीधा मतलब चुनाव टिकट न मिलने से टीएमसी नेतृत्व के प्रति देवाशीष चौधरी की नाराजगी का निकाला गया।
अटकलबाजियों के बीच ही चौधरी ने पार्टी जिला महासचिव और प्रवक्ता पद से इस्तीफा भी दे दिया । ऐसे में लाख टके का सवाल यही कि अब देवाशीष आखिर कौन सा रास्ता अख्तियार करेंगे ? क्या वे भाजपा या अन्य किसी दल में जाएंगे । इस सवाल पर देवाशीष चौधरी ने कहा कि फिलहाल वे मातृ वियोग का शोक पालन कर रहे हैं। दस मार्च को श्राद्ध कर्म से निवृत्त होने के बाद ही भविष्य की रणनीति तय करेंगे। बता दें कि देवाशीष चौधरी वरिष्ठ और कद्दावर नेता होने के बावजूद अरसे से सत्ता के राजपथ पर साइड लाइन किए जा चुके हैं।
2010 से 2020 तक कई चुनाव हुए लेकिन पार्टी ने न तो उन्हें किसी बड़े पद का टिकट दिया और न ही कोई अहम सरकारी पद । समर्थकों का दावा है कि पिछले साल टीएमसी नेतृत्व ने इस चुनाव में उनके बारे में गंभीरतापूर्वक सोचने का आश्वासन दिया था लेकिन अफसोस कि इस बार भी वादा बस आश्वासन ही रह गया । इस संबंध में टीएमसी नेतृत्व का पक्ष नहीं जाना जा सका ।