Kolkata: भारत के चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल के तीन विधानसभा क्षेत्रों में आगामी उपचुनावों के लिए केंद्रीय बलों की 52 कंपनियों को तैनात करने की संभावना है, जिसमें भवानीपुर उपचुनाव भी शामिल है जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उम्मीदवार हैं। पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, आयोग ने अकेले भबानीपुर में केंद्रीय बलों की 19 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है, जो तीन निर्वाचन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा हैं, जहां चुनाव हो रहे हैं।
इसके अलावा केंद्रीय बलों की बाकी 33 कंपनियों को मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर और समसेरगंज के बीच बांटा जाएगा। इस बीच केंद्रीय बलों की 15 कंपनियां पहले ही राज्य में पहुंच चुकी हैं, जिनमें से 8 कंपनियों को चुनाव पूर्व क्षेत्र में वर्चस्व के लिए भबनीपुर में तैनात किया गया है। फोर्स की बाकी 7 कंपनियों को मुर्शिदाबाद जिले में भेज दिया गया है।
राज्य में केंद्रीय बलों की 15 कंपनियों में से 7 सीआरपीएफ की, 4 बीएसएफ की, 2 एसएसबी की और सीआईएसएफ और आईटीबीपी की एक-एक कंपनी है। तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव 30 सितंबर को होंगे और परिणाम 3 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं, वह चुनाव से पहले ही चुनाव विवादों में घिर गया है।
एक जनहित याचिका पहले ही दायर की जा चुकी है जिसमें शिकायत की गई है कि राज्य के मुख्य सचिव ने भवानीपुर में चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग से अनुरोध करके अपनी सीमा को पार कर लिया है, जिससे संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। चुनाव आयोग, पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध के आधार पर पहले ही चुनाव को ‘विशेष मामला’ घोषित कर चुका है। मामला उच्च न्यायालय में लंबित है और सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है।
इसके अलावा भवानीपुर में बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल ने ममता बनर्जी के नामांकन पर आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने हलफनामे में जानकारी को छुपाया है। भाजपा ने शिकायत की कि बनर्जी ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ लंबित पांच आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया है।
भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के रिटनिर्ंग ऑफिसर को लिखे पत्र में, भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के मुख्य चुनाव एजेंट सजल घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने हलफनामे में उनके खिलाफ लंबित पांच आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया है।
मामलों की जानकारी देते हुए घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 153ए (शत्रुता को बढ़ावा देना) और धारा 338 (दूसरों की जान या निजी सुरक्षा को खतरे में डालकर गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत गीता नगर थाना, पानबाजार थाना, जगीरोड पुलिस थाना, लखीमपुर थाना और उदरबोंड थाना समेत असम के कई थानों में मामला दर्ज किया गया है। आयोग को अभी इस पर फैसला लेना है।