कोलकाता। Bengal Election : हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 30 विधानसभा सीटों के लिए 79.79 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव आयोग (ईसी) के आंकड़ों के मुताबिक, बंगाल में पहले चरण में शाम 5.30 बजे तक 79.79 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, बांकुरा में लगभग 80.03 प्रतिशत, झाड़ग्राम में 80.55 प्रतिशत, पश्चिम मिदनापुर में 80.16 प्रतिशत और पूर्वी मिदनापुर जिले में 82.42 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण राज्यों के पोलिंग बूथ सुबह सात बजे खुले और शाम 6 बजे बंद हो गए।
झाड़ग्राम, मिदनापुर, पटशपुर और रामनगर उन प्रमुख क्षेत्रों में से थे, जहां पहले चरण में मतदान हुआ है। मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा। हालांकि कुछ क्षेत्रों से हिंसा की कुछ घटनाएं जरूर सामने आईं।
इस बीच, भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के भाई सौमेंदु अधिकारी पर हमले के विरोध में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने यहां चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। सौमेंदु ने तृणमूल कांग्रेस पर कोंटाई में उन पर हमले का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा, “मेरे आगमन के बाद उन्हें अपनी शरारती हरकतों को जारी रखने में समस्या पैदा हुई, इसलिए उन्होंने मेरी कार पर हमला किया और मेरे चालक की पिटाई की।” सौमेंदु अधिकारी ने तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष राम गोविंद दास और उनकी पत्नी पर तीन केंद्रों पर मतदान में धांधली का आरोप लगाया। सैमेंदु ने कहा, “चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए। राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस डर गई है। हमने चुनाव आयोग को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कुछ नाम दिए हैं।”
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “पिछले चार दशकों में बंगाल में यह सबसे शांतिपूर्ण चुनाव है। हां, कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं, लेकिन वे कुछ असामाजिक तत्वों के कारण हुई हैं। अगर असामाजिक तत्वों के उस वर्ग को गिरफ्तार किया जा सके तो मतदान के बाकी चरणों में मतदाताओं के लिए अधिक समस्या नहीं होगी।” उन्होंने पहले चरण में स्वतंत्र और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को बधाई भी दी।
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी के लोकसभा नेता सुदीप बंद्योपाध्याय और माला रॉय के नेतृत्व में कोलकाता में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से मुलाकात की और चुनाव आयोग द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों में अंतर पर चिंता जताई। प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि अगले चरण से संबंधित मतदान केंद्र का मतदान एजेंट स्थानीय होना चाहिए, ताकि सभी के लिए उन्हें ट्रैक करना आसान हो जाए।
तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए आंकड़ों के कथित फेरबदल पर चिंता जाहिर की। पार्टी ने चुनाव आयोग से यह सवाल किया कि मतदान का प्रतिशत आखिर पांच मिनट के भीतर घटकर आधा कैसे रह गया। ट्वीट में चुनाव आयोग से सवाल पूछते हुए लिखा गया, “यह क्या हो रहा है! क्या आप बता सकते हैं कि कैसे वोटिंग प्रतिशत महज 5 मिनट के अंतराल में घटकर आधा रह गया?”
भाजपा राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मीडियाकर्मियों से कहा, “ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस दबाव में है और ईवीएम की शिकायत कर रही है, क्योंकि उन्हें पता है कि वे हार रही हैं। इसलिए वे ऐसी बातें कह रही हैं।”