नई पहल : प्राथमिक स्कूल खुलने पर बच्चों को विशेष किताबें देगा बंगाल शिक्षा विभाग

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना महामारी के दौरान बंद पड़े स्कूल को खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कॉलेज और उच्च माध्यामिक स्कूल को खोलने के बाद अब राज्य के प्राथमिक स्कूल खुलने जा रहे है। नियमित रूप से स्कूल नहीं खुलने के कारण बच्चों की पढ़ाई पर गहरा असर पड़ा है। शैक्षणिक रूप से उनका काफी नुकसान हुआ है। इस प्रभाव को कम करने के लिए बंगाल शिक्षा विभाग ने बच्चों को विशेष किताबें बांटने का निर्णय लिया है। शिक्षकों को स्कूल खुलने से पहले किताब पढ़ने का निर्देश दिया गया।बता दें कि कोरोना की वजह से स्कूल करीब 2 साल से बंद हैं। बच्चे शिक्षा के मामले में पिछड़ रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि कितने बच्चे थे अक्षर भी नहीं पहचान पा रहे हैं!

शिक्षा विभाग ने न केवल प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को फिर से चालू कर रहे हैं, बल्कि छात्रों के लिए विशेष पुस्तकें देने की तैयारी शुरू कर दिया है। क्या है इस किताब में? छात्रों की पिछली दो कक्षाओं के मुख्य पाठ है इसमें। यह पहल क्यों? शिक्षा विभाग के अनुसार यदि पिछली दो कक्षाओं में पठन-पाठन में कोई कमी रह गई हो तो इस पुस्तक के प्रयोग से उसे आसानी से दूर किया जा सकता है।

नतीजतन, छात्रों को नई कक्षा में पढ़ने से लाभ होगा। दरअसल इस किताब को पढ़ने की शुरुआत में 100 दिन की समय सीमा तय की गई है। इस बीच, कोरोना के दहशत को दूर करके स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई फिर से शुरू कर दी गई है। कोविड नियमों को मानते हुए जब कॉलेज में कक्षाएं चल रही है तथा सिर्फ आठवीं से बारहवीं तक के छात्र ही स्कूल जा रहे हैं।

पडाये शिक्षालय’ 5वीं से 7वीं कक्षा तक शुरू किया गया है। कुछ दिन पहले 50 प्रतिशत छात्रों के साथ प्राथमिक विद्यालय खोला जा सकता है या नहीं, मुख्यमंत्री ने इस पर गौर करने के निर्देश दिए थे। अंत में, राज्य सरकार ने राज्य में मौजूदा प्रतिबंधों की समाप्ति के अगले दिन से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय खोलने का निर्णय लिया। पढ़ाई किस नियम को मान कर होगा, इसकी गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई है।

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