कोलकाता। पश्चिम बंगाल बोर्ड की 12वीं कक्षा के जीवन विज्ञान के दो पन्नों के प्रश्नपत्र की कथित तस्वीरें शनिवार को परीक्षा शुरू होने के ढाई घंटे बाद व्हाट्सऐप पर सामने आईं। परीक्षा आयोजित करने वाली ‘पश्चिम बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन’ ने कहा कि इसे पेपर लीक नहीं कहा जा सकता। परिषद ने इसे शरारत करार दिया है।परिषद के अध्यक्ष चिरंजीब भट्टाचार्य ने कहा कि कुछ निहित स्वार्थ वाले तत्वों ने प्रश्नपत्र की तस्वीर परीक्षा शुरू होने के काफी समय बाद प्रसारित की होगी, जब परीक्षा करीब-करीब समाप्त होने वाली थी।
भट्टाचार्य ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘यदि परीक्षा शुरू होने के ढाई घंटे बाद प्रश्नपत्र की तस्वीर प्रसारित की जाती है, तो इसमें कौन सी बड़ी बात है? उम्मीदवार उस समय तक परीक्षा हॉल छोड़ सकते हैं और यदि कोई परीक्षा स्थल के बाहर दो पृष्ठों की तस्वीर क्लिक करता है तथा उन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित करता है, तो वह किसी भी तरह से परीक्षा के आयोजन को प्रतिबिंबित नहीं करता है।”
उन्होंने ‘शरारती तत्वों’ से अपील की कि वे इस तरह की ‘बचकानी शरारतों’ से दूर रहें और हर उम्मीदवार के हित में परीक्षाओं को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करें। भट्टाचार्य ने कहा कि 2349 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी किये जाने और 200 से अधिक संवेदनशील स्थानों में से कुछ में रेडियो फ्रीक्वेंसी उपकरणों के इस्तेमाल से किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मौजूदगी का पता लगाने के उपायों के बाद प्रश्नपत्र लीक की संभावना लगभग असंभव हो गई है।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद परिषद सतर्क है।संवेदनशील स्थल विभिन्न जिलों में स्थित हैं और इनमें सबसे अधिक मालदा में हैं। भट्टाचार्य ने कहा कि परिषद व्हाट्सऐप पर प्रश्नपत्र के प्रसार के स्रोत पर नजर रख रही है और सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी।उच्चतर माध्यमिक की परीक्षाएं पश्चिम बंगाल में 14 मार्च से शुरू हुई थीं।