बंगाल : भाजपा ने नेता के शव के साथ सीएम आवास के सामने प्रदर्शन की कोशिश, तनाव

कोलकाता। भाजपा राज्य इकाई के प्रमुख सुकांत मजूमदार सहित पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की यहां गुरुवार शाम पुलिस के साथ हाथापाई हो गई, जब उन्होंने मगरहाट पश्चिम से पराजित भाजपा उम्मीदवार धुर्जटि साहा के शव के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के सामने प्रदर्शन करने की कोशिश की। साहा भाजपा के टिकट पर दक्षिण 24 परगना जिले के मगरहाट पश्चिम से विधानसभा चुनाव लड़े थे। 2 मई को मतगणना के दिन तृणमूल समर्थकों ने उन्हें कथित तौर पर पीटा था।

साहा को सिर में गंभीर चोट लगी थी। लंबे इलाज के बाद बुधवार को उनकी मौत हो गई। परिवार ने साहा की मौत की सीबीआई जांच की मांग की है। इस घटना ने गुरुवार को एक नया मोड़ ले लिया, जब राज्य इकाई के नवनियुक्त प्रमुख सुकांत मजूमदार, सांसद अर्जुन सिंह और पार्टी के भवानीपुर उपचुनाव उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल सहित भाजपा नेतृत्व ने कालीघाट स्थित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के सामने विरोध करने के लिए साहा के पार्थिव शरीर के साथ एक विशाल रैली का नेतृत्व किया।

भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक से बचने के लिए पुलिस ने शव वाहन को हटाने की कोशिश की, जिससे तनाव बढ़ गया। पुलिस जब साहा के शव को ले जा रहे वाहन को हटाने का प्रयास कर रही थी तो मजूमदार दौड़कर वाहन के सामने बैठ गए। पुलिस ने जब मजूमदार को वहां से हटाने का प्रयास किया, तब हंगामा शुरू हो गया।

मजूमदार अड़े रहे और कहा, पूरे पश्चिम बंगाल के लोग देख रहे हैं। क्या यह लोकतंत्र है? देखिए, ममता बनर्जी क्या कर रही हैं। वे लोकतंत्र की हत्या कर रही हैं, लेकिन पुलिस हमें नहीं रोक सकती। हम फिर से युद्ध के मैदान में मिलेंगे। मजूमदार के नायब अर्जुन सिंह ने कहा, पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री से मिलना चाहता था और साहा के लिए न्याय की मांग करना चाहता था और बदले में उन्हें यही मिल रहा है। बंगाल में कानून का शासन नहीं है, केवल सत्ताधारी दल का शासन है। वे लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं।

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता तापस रॉय ने कहा, किसी को यह समझना चाहिए कि वे मुख्यमंत्री आवास के सामने विरोध कर रहे हैं, जो एक उच्च सुरक्षा वाला क्षेत्र है। सीएम को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। ऐसा नहीं हो सकता। वे (भाजपा) एक गुप्त राजनीतिक मकसद से ऐसा कर रहे हैं। उन्हें (सुकांत मजूमदार) हाल ही में जिम्मेदारी मिली है और वह खबरों में रहने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पीएचडी करने वाले व्यक्ति से इसकी उम्मीद नहीं की जाती। पुलिस ने हालांकि कहा कि मुख्यमंत्री के आवास के पास एक अनियंत्रित भीड़ थी, जिसे उन्होंने साफ कर दिया है।

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