नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका आज सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। बता दे कि ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक वाली डॉक्यूमेंट्री को सरकार द्वारा पक्षपातपूर्ण प्रचार बताकर खारिज कर दिया गया था। वहीं दायर याचिका में कहा गया है कि गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री जनता के देखने के लिए जारी की गई थी।
हालांकि, सच्चाई के डर के कारण, आईटी अधिनियम 2021 के नियम 16 के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है। याचिका में आईटी अधिनियम के तहत 21 जनवरी के आदेश को अवैध, दुर्भावनापूर्ण और मनमाना, असंवैधानिक और भारत के संविधान के अधिकारातीत और अमान्य होने के कारण रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।डॉक्यूमेंट्री को सोशल मीडिया और ऑनलाइन चैनलों पर प्रतिबंधित कर दिया गया है।
लेकिन कुछ छात्रों ने देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के परिसरों में इसकी स्क्रीनिंग की है। याचिका में तर्क दिया गया है कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री ने 2002 के दंगों के पीड़ितों के साथ-साथ दंगों के परि²श्य में शामिल अन्य संबंधित व्यक्तियों की मूल रिकॉडिर्ंग के साथ वास्तविक तथ्यों को दर्शाया है और इसे न्यायिक न्याय के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।