इम्फाल। बीते सप्ताह मणिपुर में लोगों के एक समूह और सेना के बीच हुई मुठभेड़ में एक लेफ़्टिनेंट कर्नल ज़ख़्मी हो गए थे। अधिकारियों का कहना है कि प्रतिबंधित समूहों यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से जुड़े चरमपंथी कथित तौर पर उस भीड़ का हिस्सा थे, जिसने सैन्य अधिकारी पर गोली चलाई। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने चेताया है कि मणिपुर में तनाव फैलाने के लिए विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ में ‘आतंकवादी’ शामिल हो रहे हैं।
दरअसल, बीते सप्ताह मीरा पैबिस (महिला रक्षक) सहित लोगों के एक समूह के साथ सेना का गतिरोध हुआ और इस दौरान एक लेफ्टिनेंट कर्नल घायल हो गए। ये चेतावनी उस घटना के बाद जारी की गई है। भीड़ टेंगनौपाल जिले के पलेल के पास मोलनोई गांव में आदिवासियों पर हमला करने की कोशिश कर रही थी।
लेकिन उन्हें सेना और असम राइफ़ल्स ने रोक दिया था। अधिकारी ने एजेंसी को बताया कि घटना की जांच से सुरक्षा एजेंसियां इस नतीजे पर पहुंची हैं कि प्रतिबंधित समूहों के आतंकवादी भीड़ का हिस्सा थे। मणिपुर में मई महीने से हिंसा जारी है और माहौल तनावपूर्ण है।