शिशु की पहली गर्मी है, जरूर बरतें ये सावधानियां वरना नाजुक सी स्किन हो सकती है खराब

आपके शिशु की पहली गर्मी है तो जरा संभलकर रहें क्‍योंकि आपकी छोटी-सी गलती भी बच्‍चे की स्किन और सेहत पर भारी पड़ सकती है। किसी के लिए भी गर्मी को झेलना आसान नहीं होता है और बच्‍चों के लिए तो गर्मियों का मौसम कुछ ज्‍यादा मुश्किल साबित होता है। वहीं अगर आपके शिशु की पहली गर्मी है, तो आपकाे ज्‍यादा संभलकर रहने की जरूरत होती है। गर्मी में बच्‍चे को लू लगने, घमौरियों और त्‍वचा से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं।

ऐसे में पेरेंट्स की जिम्‍मेदारी बहुत बढ़ जाती है क्‍योंकि उन्‍हें अपने नवजात शिशु की देखभाल में बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। यदि आपके बच्‍चे की भी पहली गर्मी है तो यहां जान लें कि किस तरह आप उसकी देखभाल कर सकते हैं और गर्मी से बचाने के लिए शिशु को किन चीजों की जरूरत होती है।

​सही कपड़े चुनें 
गर्मी में शिशु को सूती और ढीले कपड़े पहनाएं क्‍योंकि इससे बच्‍चे की स्किन सांस ले पाती है, ठंडी रहती है और हीट रैशेज नहीं होते हैं। कोशिश करें कि धूप के समय शिशु को घर से बाहर न निकालें। अगर बाहर जाना भी पड़ रहा है तो शिशु को सिर पर सूती कैप पहनाकर रखें और धूप के सीधे संपर्क में आने से बचाएं।

​धूप से बचाव
सुबह के 10 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक तेज गर्मी पड़ती है इसलिए इस समय में 6 महीने से कम उम्र के बच्‍चों को घर से बाहर नहीं निकालना चाहिए। शिशु की स्किन में बहुत कम मेलानिन होता है जिससे बालों, स्किन और आंखों को अपनी रंगत मिलती है और यह सूर्य की किरणों से भी बचाता है।
अगर आप 6 महीने से कम उम्र के शिशु को धूप में निकालते हैं, उसकी स्किन को सीधा नुकसान पहुंच सकता है।

​नैपी नहीं है जरूरी
खासतौर पर गर्मी के मौसम में शिशु को कुछ देर के लिए बिना नैपी के रखें। सूती नैपी या डिस्‍पोजेबल नैपी शिशु को इस मौसम में गर्म रख सकता है जिससे बच्‍चे को पसीने की वजह से जांघों और पेट पर रैशेज हो सकते हैं।
इसलिए दिन के किसी भी समय में शिशु को बिना नैपी के कुछ देर रखें। दिन में कम से कम दो बार शिशु को 10 से 15 मिनट के लिए बिना नैपी के रखें।

​टैलकम पाउडर
टैलकम पाउडर स्किन से नमी को सोख सकता है और गर्मी के मौसम में शिशु की स्किन को ड्राई कर सकता है। बच्‍चे की नाक से टैलकम पाउडर को बिल्‍कुल दूर रखें। आप नैपी बदलते समय शिशु की जांघों पर टैलकम पाउडर लगा सकती हैं और नहलाने के बाद भी इसका इस्‍तेमाल कर सकती हैं।

​हाइड्रेट रखना है जरूरी
गर्मी एक ऐसा मौसम है जो शरीर से पानी को खींच लेता है और शरीर में डिहाइड्रेशन पैदा कर सकता है। नवजात शिशु सिर्फ मां का दूध पीते हैं और उन्‍हें इसकी पोषण और हाइड्रेशन मिलता है। शिशु को हाइड्रेट रखने के लिए उसे थोड़ी-थोड़ी देर में दूध पिलाती रहें। चूंकि, पसीना आने से भी बच्‍चे के शरीर से फ्लूइड्स निकल जाते हैं इसलिए इस मौसम में ब्रेस्‍ट मिल्‍क से शिशु को हाइड्रेट रखने की कोशिश करें।

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