इस मुशायरे में रामश्याम ‘हसीन’, अमीता परशुराम, रेणु हुसैन, ममता किरण, सुरेखा साहू, सुहैब अहमद फारूकी, लिली स्वर्ण, चारु कपूर, सुमनप्रिया सिक्का, जेबा तबस्सुम, निवेदिता रॉय, शब्बीर मुनव्वर, अंजलि श्रीवास्तव, श्रीरामदासु अमरनाथ, निमिषा सिंघल, राजकुमार गुप्ता, अपर्णा प्रधान, बालिका सेनगुप्ता, रंजीता आशेष , अश्करा खानम, उम्म ए सलित, निशा टंडन, हरप्रीत कौर, अजय वर्मा, शीला अय्यर, इशरत उमर और प्रवीण गोला ने वीडियो स्ट्रीमिंग के माध्यम से अपनी शायरी सुनाई।
भारत और विदेशों के इन कवियों ने अपने भावपूर्ण शायरियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रख्यात कवि और विशिष्ट अतिथि अंबर खरबंदा ने अपने सत्र में उर्दू शायरी के बारे में रोचक जानकारी साझा की। उन्होंने इस मुशायरे के आयोजन के लिए एएलएस टीम को बधाई भी दी।
सुश्री अनीता चंद, प्रशासक, एएलएस ने लाइव सत्र का संचालन किया तथा सभी कवियों का मनोबल बढ़ाया। कार्यक्रम के अंत में संस्थापक मनोज कृष्णन ने सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया।
एशियन लिटरेरी सोसाइटी ने पिछले साल उर्दू शायरी को बढ़ावा देने के लिए महफ़िल-ए-सुखन की शुरुआत की थी। इस साल भी, इस मुशायरे को दुनिया भर के दर्शकों से बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली, जिन्होंने कोरोनोवायरस महामारी के समय एएलएस और इसकी पहल की सराहना की।
एशियन लिटरेरी सोसाइटी (एएलएस) लेखक मनोज कृष्णन द्वारा स्थापित एक साहित्यिक समुदाय है जिसका मिशन एशियाई कला, संस्कृति और साहित्य को प्रोत्साहित करना है।