कोलकाता। पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हमले के सिलसिले में बुधवार को एक और कुर्मी नेता को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान धनंजय महतो उर्फ जॉय के रूप में हुई है। इसके साथ, राज्य में कुर्मी आंदोलन के दो प्रमुख चेहरे राजेश महतो और निशिकांत महतो सहित मामले में गिरफ्तारियों की कुल संख्या बढ़कर 10 हो गई है।
वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। कुर्मी पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, सीआईडी धनंजय महतो की न्यायिक हिरासत की मांग को लेकर उन्हें आज ही पश्चिमी मिदनापुर जिले की एक अदालत में पेश करेगी।
इस बीच, विभाग को निचली अदालत से गिरफ्तार कुर्मी नेताओं से सुधार गृह में पूछताछ करने की अनुमति भी मिल गई है, जहां उन्हें फिलहाल रखा गया है। हमले के तुरंत बाद एक सरकारी स्कूल में शिक्षक राजेश महतो का पहले उनके पैतृक गांव से तबादला कर दिया गया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके तुरंत बाद पुलिस ने उनके करीबी निशिकांत महतो को गिरफ्तार कर लिया।
यह हमला तब हुआ जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक सार्वजनिक रैली में आरोप लगाया कि भाजपा और केंद्र राज्य में अन्य आदिवासी समुदायों के लोगों के खिलाफ कुर्मियों को भड़का कर पश्चिम बंगाल में मणिपुर जैसी जातिगत हिंसा की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
राजेश महतो ने आरोप लगाया है कि यह पूरा घटनाक्रम राज्य सरकार द्वारा राज्य में कुर्मियों के अस्तित्व को समाप्त करने की मंशा से रची गई साजिश है। उन्होंने अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हमले के पीछे के असली साजिशकर्ताओं की पहचान के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की भी मांग की है।