कोलकाता। रविवार 22 दिसबंर को बड़ाबाजार लाइब्रेरी कोलकाता में हिन्दी साहित्य भारती की वार्षिक प्रांतीय बैठक सुसपन्न हुई। बैठक के मुख्य अतिथि रहे डॉ. रामनिवास शुक्ल जो पूर्व संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार, कल्याण मंत्रालय भारत सरकार और हिन्दी साहित्य भारती के केन्द्रीय कार्यकारिणी में संगठन मंत्री है। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वनाम धन्य साहित्यकार हीरालाल जायसवाल ने की। कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के ध्येय गीत से हुआ जिसे प्रदेश की अध्यक्ष हिमाद्रि मिश्र ने प्रस्तुत किया।
दीप प्रज्जवलन के बाद सरस्वती वंदना की प्रस्तुति आलोक चौधरी ने दी। मातृवंदना भारती मिश्र ने प्रस्तुत किया। सभी अतिथियों का स्वागत संस्था की महामंत्री नीलम झा ने स्वागतीय भाषण से किया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सभी वक्ताओं ने हिन्दी साहित्य भारती के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। वक्ताओं में दिनबंधु कॉलेज के हिन्दी के व्याख्याता डॉ. सत्यप्रकाश तिवारी, कल्याणी विश्वविद्यालय की हिंदी की व्याख्यता डॉ. सुनीता मंडल, डॉ. आनंद पाण्डेय रहे।
मुख्य अतिथि महोदय ने भी “भारतीय भाषा साहित्य एवं भारतीय संस्कृति के संरक्षणार्थ हमारा दायित्व क्या हो” पर सविस्तार चर्चा की। कार्यक्रम के अध्यक्ष हीरालाल जायसवाल ने भी इस विषय पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात हिन्दी साहित्य भारती के तत्वाधान में बच्चों के मध्य हुई काव्य आकृति प्रतियोगिता के परिणाम घोषित हुए और बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
चायपान के बाद द्वितीय सत्र आरंभ हुआ जिसकी अध्यक्षता डॉ. आनंद पाण्डेय ने की। इस सत्र में आमंत्रित कवियो ने काव्य सुधा की रसधार बहाई। आमंत्रित काव्य – स्वर रहे आलोक चौधरी, प्रदीप धानुक, वंदना पाठक, प्रतिभा सिंह, नंदू बिहारी, गजेन्द्र नाहटा, श्री राम झा मिलन, नारायन झा, चित्रा मिश्रा, सुजाता साहा, भारती मिश्र, हिमाद्रि मिश्र, नीलम झा, रंजना झा। कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
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