चंडीगढ़। पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने शनिवार को 300 यूनिट मुफ्त बिजली एक जुलाई से देने की घोषणा की जबकि विपक्षी कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल नेताओं ने घोषणा पर सवाल खड़े किये। यह घोषणा सरकार के कार्यकाल का एक महीना पूरा होने पर आज प्रमुख दैनिकों में ‘एक महीने के रिपोर्ट कार्ड‘ के पूर्ण पृष्ठ के मुखपृष्ठ विज्ञापन के रूप में की गई। मुफ्त बिजली ‘आप’ का मुख्य चुनावी वायदा था और दो दिन पहले दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से बैठक के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि 16 अप्रैल को वह ‘अच्छी खबर‘ सुनाएंगे।
मान ने पंजाब प्रदेश पारेषण निगम लिमिटेड के प्रत्याशियों को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए और फिर मुख्यमंत्री कार्यालय से वीडियो संदेश में स्पष्ट किया कि अनुसूचित जाति, गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों और स्वतंत्रता सेनानियों आदि की श्रेणियों को, जिन्हें 200 यूनिट प्रति माह मुफ्त बिजली मिलती थी, 300 यूनिट मुफ्त यूनिट बिजली मिलती रहेगी और बिल (जो दो महीने पर आता है) केवल दो महीने में 600 यूनिट से अधिक खर्च की गई बिजली पर ही आयेगा। उदाहरण, किसी घर की 640 यूनिट बिजली खपत है तो बिल केवल 40 यूनिट का आयेगा।
उन्होंने कहा कि लेकिन सामान्य श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली खपत यदि प्रति दो माह 600 यूनिट से ज्यादा रही तो उन्हें पूरा बिल जायेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उद्योगों और कृषि के लिए सस्ती बिजली आपूर्ति (सब्सिडी) जैसे थी, जारी रहेगी। इनकी दर में कोई वृद्धि नहीं होगी। मान ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पहले से वहां मुफ्त बिजली की सुविधा दी हुई है और उनसे सीखकर ही पंजाब में यह योजना लागू की जा रही है। उन्होंने दोहराया कि अपने अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए वह कहीं भी और फिर-फिर भेजेंगे।
पिछले दिनों पंजाब के वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें मुख्य सचिव और पंजाब प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड के अधिकारी शामिल थे, की दिल्ली में ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मान की गैरमौजूदगी में बैठक पर विपक्ष ने बवाल काटा था और मान पर ‘रबर स्टांप‘ और सरकार पर श्री केजरीवाल के रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार होने का आरोप लगाया था। श्री मान ने इसके जवाब में कहा था कि अपने अधिकारियों को उन्होंने प्रशिक्षण के लिए भेजा था और जरूरत पड़ी तो कहीं भी (इजराइल का नाम लिया था) भेजेंगे।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को संबोधित करते हुए ट्वीट किया और कहा कि 300 यूनिट मुफ्त बिजली की हकीकत तब सामने आयेगी जब विवरण और शर्तें सामने आएंगी। उन्होंने पंजाब प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड को ‘शुभकामनाएं‘ भी दी हैं, जिसे अपना अस्तित्व बचाने के लिए इस सबसे जूझना होगा। भोलथ से कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खेहरा ने मान की घोषणा का स्वागत करते हुए सवाल किया कि एक जुलाई से क्यों? क्या वित्तीय प्रबंधन की कोई समस्या है?
उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि यदि खपत 301 यूनिट बिजली की हुई तो क्या उपभोक्ताओं से पूरा बिल वसूला जाएगा? इसके साथ ही श्री खेहरा ने यह भी जानना चाहा कि क्या ट्यूबवेल सब्सिडी समाप्त कर दी जाएगी? कांग्रेस विधायक दल नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि विपक्ष होने के नाते वह योजना का विवरण देखेंगे कि कहीं कोई न दिख रहा एजेंडा तो नहीं है।
और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नयी नीति के तहत पुरानी सब्सिडी नहीं जाएगी। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की युवा इकाई के अध्यक्ष एवं पार्टी प्रवक्ता परमबंस सिंह रोमाना ने तंज कसते हुए कहा कि ‘एलानजीत‘ (पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह) गया, ‘एलानवंत‘ (मुख्यमंत्री भगवंत मान) आया। रोमाना ने ‘आप’ सरकार की विज्ञापनबाज़ी पर भी सवाल उठाया है।