राजीव कुमार झा : खुला मंच के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में अनीता वर्मा के लघुकथा पुस्तक लॉक – अनलॉक का लोकार्पण पीतमपुरा में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना से भरतनाट्यम शैली में सात वर्ष की रायना वर्मा ने किया। अनीता वर्मा की अब तक तेरह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। पुस्तक में लॉकडाउन के समय की कहानियों के बारें में चर्चा करते हुए अनीता वर्मा ने कहा कि इस पुस्तक में कुछ कहानियाँ पुलिस विभाग के सकारात्मक व्यवहार व उनके आम जनता के साथ सहयोग के बारें में हैं।
इसलिए मैं यह पुस्तक पुलिस विभाग को उनके सम्मान में समर्पित करती हूँ। डीसीपी प्रणव तायल ने अपने संदेश में उनकी पुस्तक की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी व कहा कि यह आम जनता व उनके विभाग के बीच में एक कड़ी का काम करेगी। वरिष्ठ साहित्यकार व लघुकथा लेखक सुभाष नीरव ने पुस्तक पर अपनी राय देते हुए कहा कि, पुस्तक की लघुकथाओं का फलक विस्तृत है व उस समय की त्रासदी को बखूबी बयान करती है। हर कहानी के पात्र, उनके संदर्भ एक नए आयाम की ना केवल चर्चा करते हैं बल्कि उन्हें अपने साथ बहा ले जाने की क्षमता रखते हैं।
सुप्रसिद्ध साहित्यकार अलका सिन्हा ने पुस्तक के बारें में बोलते हुए कहा सशक्त कहानी लेखिका व कवियित्री अनीता वर्मा का यह संग्रह निःसन्देह सहज रूप से अपनी बात पाठकों तक पहुँचाता है और कहानियाँ मानवीय संवेदनाओं को उल्लेखनीय है कि सुप्रसिद्ध कहानीकार व हिन्दुस्तान समाचार पत्र की एक्ज़िक्यूटिव एडिटर जंयती रंगनाथन ने पहले ही कवर पर लिखते हुए कहा कि यह पुस्तक उस कठिन समय का महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
शिक्षा विभाग से उप निदेशक निर्मला ने कहा कि अनीता वर्मा एकसशक्त क़लमकार हैं व पिछले तीस सालों उच्च स्तर का मंच संचालन करती आ रही हैं। सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार डॉ. चरनजीत सिंह ने विस्तार से अनीता वर्मा की लेखन शैली व उनकी तमाम रचनाओं पर चर्चा की। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार निर्मलेन्दु, वरिष्ठ पत्रकार मंजरी चतुर्वेदी, डायरेक्टर प्रोड्यूसर दीपक गुलाटी, इंद्रजीत चोपड़ा व कई फ़िल्मकारों, कहानीकारों ने अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करवाई। प्रतिष्ठित यश प्रकाशन से प्रकाशित इस पुस्तक की कुछ लघुकथाओं पर लघुफिल्म बनाने की इच्छा भी कुछ निर्देशकों ने जताई!