मालदा। मालदा कोर्ट परिसर में भवन निर्माण के लिए खुदाई का काम चल रहा था। जमीन खोदते समय प्राचीन पत्थर निकल आया। यह आकार में त्रिकोणीय पत्थर है, जिसके चारों ओर डिजाइन बने हुए हैं। इसके उपरी हिस्से में छेद बना हुआ हैं। कोर्ट परिसर में ऐसे पत्थरों की बरामदगी की घटना से सनसनी फैल गई। पत्थर को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि इस पत्थर का इस्तेमाल झंडा फहराने के लिए किया जाता था। क्योंकि वर्तमान मालदह जिला न्यायालय परिसर कभी नीलकर साहिब की नीलकुट्टी और कार्यालय हुआ करता था।
कोई इसे देवी देवता का प्रतिक मान रहे हैं। अलग-अलग लोग अलग-अलग राय दे रहे हैं। हालांकि जिला इतिहासकार पत्थर से अनुमान लगा रहे हैं कि यह पाल या सेन काल का है। इतिहासकार का अनुमान है कि यह पत्थर बौद्ध धर्म का प्रतीक है। क्योंकि मालदा के जगजीवन पुर गांव में एक बौद्ध मठ की खोज की गई है।
अतः मालदा में बौद्धों की उपस्थिति सिद्ध होती है। लेकिन इंग्लिश बाजार चौक में इस स्तूप की बरामदगी जिले के इतिहासकारों के लिए कुछ आश्चर्यजनक है। क्योंकि इससे पहले इस क्षेत्र में बौद्धों का कोई निशान नहीं मिला था, हालांकि मालदा में इस तरह के इतिहास की खोज होना सामान्य बात है। क्योंकि यहां बौद्ध मठ की खोज हुई थी। न्यायालय परिसर में मिले इस ऐतिहासिक पत्थर के संरक्षण की मांग विभिन्न हलकों से हो रही है।