कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सुविधाओं के लिए चार जॉइंट आउटपोस्ट, एक रेजिडेंशियल कंपलेक्स और एक ऑफिसर्स मेस का उद्घाटन किया है। 108 करोड़ रुपये की लागत से बनी इन परियोजनाओं में बीएसएफ के सात अलग-अलग थाने भी शामिल हैं जिनका उद्घाटन शाह ने किया। इस दौरान उन्होंने सीमा पर सुरक्षा और शांति बहाली में बीएसएफ की भूमिका की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि 1971 के भारत बांग्लादेश युद्ध में बीएसएफ ने शानदार काम किया जिसकी वजह से आज भी दोनों देशों के रिश्तो में अपनापन मौजूद है।
शाह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने भी बर्फीली चोटियों से लेकर रेगिस्तान तक, भूमि सीमा से लेकर बंगाल की खाड़ी तक, हर जगह हमारी भूमि और सीमाओं की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ के बिना भारत की भूमि सीमाओं की सुरक्षा की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। जब बीएसएफ का जवान सीमा पर तैनात होता है, तब देश में किसी को भी देश की भूमि सीमाओं की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं होती।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह ने कहा कि उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सीमा नीति में व्यापार का बहुत महत्व रहा है। 15 हजार किलोमीटर की भारत की भूमि सीमा सात देशों को छूती है और दक्षिण एशिया के सभी देशों के साथ हमारे संबंध और व्यापारिक रिश्ते मज़बूत हों, इसके लिए मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद नई नीति बनाई गई।
उन्होंने कहा कि पहले बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, व्यापार, पीपल टू पीपल कनेक्टिविटी और बॉर्डर विलेज डेवलपमेंट की बहुत कमी थी। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आज बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप हो रहा है, कनेक्टिविटी बढ़ रही है, देशों के साथ व्यापार बढ़ रहा है, पीपल टू पीपल कनेक्टिविटी भी बढ़ रही है और बॉर्डर विलेज डेवलपमेंट के माध्यम से सीमावर्ती गांव आज देश के प्रथम गांव बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।