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इजराइल के खिलाफ अमेरिका का अप्रत्यक्षित दंडात्मक कदम

इजराइल-हमास युद्ध में इजरायल के साथ खड़े नजर आने वाले अमेरिका ने वेस्ट बैंक वीजा प्रतिबंध लगाया
अमेरिका ने वेस्ट बैंक में शांति, सुरक्षा व स्थिरता को कमजोर करने वालों पर वीजा प्रतिबंध लगाना रणनीतिक कार्यवाही का हिस्सा – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर सर्वादित है कि 7 अक्टूबर 2023 से शुरू इजराइल में पश्चिमी देश पूरी तरह से इजरायल के समर्थन में तो वहीं रूस यूक्रेन युद्ध में भी पश्चिमी देश यूक्रेन के साथ रहे हैं। इन दोनों युद्ध से दुनियां तीन खेलों में बट गई है। पक्ष, विपक्ष और निरपेक्ष, ऐसे में इसका प्रभाव संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सभाओं व चुनाव में देखने को मिला है, जिसमें भारत ने पूरी तरह से न्यूट्रल नीति अपना रखी है। इजराइल हमास युद्ध में अमेरिका पूरी तरह से इजरायल के साथ होते हुए भी दिनांक 6 दिसंबर 2023 को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक अहम जानकारी साझा की जिसमें इजरायल के खिलाफ ठोस अप्रत्यक्ष दंडात्मक कदम उठाया गया है। जिस पर इसराइल सहित पूरी दुनिया हैरान है। याने वेस्ट बैंक पर वीजा प्रतिबंध नीति जो शांति सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने वालों पर लागू होगी। चूंकि अमेरिका द्वारा इजराइल के खिलाफ अप्रत्यक्षित दंडात्मक कदम की मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे। अमेरिका ने वेस्ट बैंक में शांति सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर करने वालों पर वीजा प्रतिबंध लगाया।

साथियों बात अगर हम वेस्ट बैंक पर नई वीजा प्रबंध नीति की करें तो, ब्लिंकन ने कहा कि विदेश विभाग एक नई वीजा प्रतिबंध नीति लागू कर रहा है, जिसमें ऐसे व्यक्तियों को निशाना बनाया जा रहा है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे वेस्ट बैंक में शांति, सुरक्षा या स्थिरता को कमजोर करने में शामिल थे। इसमें जिसमें हिंसा के कृत्य करना या अन्य कार्रवाई करना शामिल है, जो आवश्यक सेवाओं और बुनियादी जरूरतों तक नागरिकों की पहुंच को अनुचित रूप से प्रतिबंधित करते हैं। वेस्ट बैंक हिंसा में अमेरिका सख्त होते हुए हिंसा में शामिल लोगों का वीजा प्रतिबन्ध लगना शुरू किया है। अमेरिकी प्रशासन ने कहा व्यक्तिगत वीजा प्रतिबंधों की घोषणा नहीं की थी, वेस्ट बैंक में बसने वाले दर्जनों यहूदियों और उनके परिजनों को प्रभावित कर सकते हैं। अमेरिका ने वेस्ट बैंक में हिंसा करने वाले यहूदियों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का एलान किया है। वॉशिंगटन स्थित अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका ने इजरायल के कब्जे वाले पश्चिमी तट पर हिंसा में शामिल लोगों पर वीजा प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है। इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा था कि वह कब्जे वाले वेस्ट बैंक में बसने वाले चरमपंथी यहूदियों पर यात्रा प्रतिबंध लगाएगा।

विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन ने एक बयान में कहा कि विदेश विभाग की वीजा प्रतिबंध नीति के तहत वेस्ट बैंक में शांति, सुरक्षा या स्थिरता को कमजोर करने में शामिल लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने घोषणा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्लिंकन ने एक बयान में कहा था कि अमेरिका ने इजरायली सरकार को वेस्ट बैंक में फलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसक हमले करने वाले चरमपंथी यहूदियों को जवाबदेह बनाने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन ने बार-बार कहा है, ये हमले अस्वीकार्य हैं। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पिछले हफ्ते इजराइल को चेतावनी देने के बाद इस कदम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन हमलों को लेकर कार्रवाई करेगा। हालांकि, ब्लिंकन ने व्यक्तिगत वीजा प्रतिबंधों की घोषणा नहीं की थी, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि ये प्रतिबंध इसी सप्ताह से लागू होंगे और वेस्ट बैंक में बसने वाले दर्जनों यहूदियों और उनके परिवारों को प्रभावित कर सकते हैं। पिछले दो महीने से इजरायल और हमास में जारी जंग के बीच अमेरिका ने इजरायल के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है।

मीडिया में उपलब्ध जानकारी के अनुसार इजरायल के खिलाफ अप्रत्याशित कार्रवाई करते हुए अमेरिका ने वेस्ट बैंक में रहने वाले यहूदी चरमपंथियों पर ट्रैवल बैन लगाने की घोषणा की है। याने वेस्ट बैंक में रह रहे यहूदी चरमपंथियों पर अमेरिका आने पर पाबंदी लगा दी गई है। अमेरिका की यह कार्रवाई इसलिए अप्रत्याशित है, क्योंकि 7 अक्टूबर को हमास की ओर से इजरायल पर किए गए हमले के बाद से ही अमेरिका, इजरायल के साथ मजबूती से खड़ा है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से इजरायल की अंतरराष्ट्रीय आलोचना में काफी तेजी आई है। अमेरिका में इजरायल के राजदूत ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, विदेश विभाग आज एक नई वीजा प्रतिबंध नीति लागू कर रहा है। इसके तहत ऐसे व्यक्तियों पर अमेरिका आने से प्रतिबंधित किया जा रहा है, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वो वेस्ट बैंक में शांति, सुरक्षा या स्थिरता को कमजोर करने में शामिल थे, जिसमें हिंसा करना या मूलभूत सुविधाओं वाली वस्तुओं को नागरिकों तक पहुंचने को बाधित करना है। हमास से जंग में इजराइल के साथ खड़े नजर आने वाले अमेरिका ने उसके ही खिलाफ एक अप्रत्याशित दंडात्मक कदम उठाया है।

अमेरिका ने मंगलवार को ऐलान किया था कि कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों पर हालिया हमलों में शामिल वहां बसे कट्टरपंथी यहूदियों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया जाएगा। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पिछले हफ्ते इजराइल को दी गई उस चेतावनी के बाद इस कदम की घोषणा की, जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन हमलों पर कार्रवाई करेगा. ब्लिंकन ने व्यक्तिगत वीजा प्रतिबंधों की घोषणा नहीं की, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि इस हफ्ते अमेरिका आने वाले और वेस्ट बैंक में बसने वाले दर्जनों लोग और उनके परिवार फैसले से प्रभावित हो सकते हैं। फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसक हमलेउन्होंने एक बयान में कहा कि हमने इजराइली सरकार को वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसक हमले करने वाले चरमपंथी निवासियों को जवाबदेह बनाने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि जैसा कि राष्ट्रपति बाइडन ने बार-बार कहा है, वे हमले अस्वीकार्य हैं।

साथियों बात कर हम वेस्ट बैंक सेटेलमेंट विवाद की करें तो वेस्ट बैंक में इजराइली बस्तियों का विवाद इजराइल और फिलिस्तीन के बीच विवाद का सबसे बड़ा कारण है। 1967 के तीसरे अरब-इजराइल युद्ध में इजराइल ने अपने तीन पड़ोसी देशों सीरिया, मिस्र और जॉर्डन को हराया था। इसके बाद उसने वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशलम के बड़े हिस्से पर कब्जा कर 140 बस्तियां बना दी थीं। यहां अभी करीब 6 लाख यहूदी रहते हैं। इन बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध करार दिया जाता है। हालांकि इजराइल इन्हें अपना हिस्सा मानता है। फिलिस्तीनी नेता लंबे समय से इन बस्तियों को हटाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वेस्ट बैंक में यहूदियों के रहने से उनका भविष्य में आजाद फिलिस्तीन का सपना पूरा नहीं हो पाएगा। इसको लेकर फिलीस्तीन ने कई बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद मांगी है।

इजराइल फिलीस्तीन विवाद पर क्या रहा अमेरिका का नजरिया?
1978 में अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने फैसला लिया था कि वेस्ट बैंक में इजराइली बस्तियां अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन हैं। 1981 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने कार्टर प्रशासन के फैसले को गलत मानते हुए कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि बस्तियों पर इजराइल का शुरुआत से कोई अधिकार नहीं। इसके बाद अमेरिका ने अपनी स्थिति में बदलाव करते हुए इजराइल के कब्जे को अवैध की जगह अनुचित माना था। इसके जरिए अमेरिका ने इजराइल को लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों से भी बचाया है। ओबामा ने 2016 में बदला अमेरिका का पक्ष2016 के अंत में संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाया गया, जिसमें इजराइल के अवैध कब्जों को खत्म करने की मांग की गई। तब तत्कालीन ओबामा प्रशासन ने इजराइल के समर्थन की नीति को बदलते हुए इस प्रस्ताव पर वीटो करने से इनकार कर दिया। हालांकि, ट्रम्प ने राष्ट्रपति बनने के बाद से इजराइल को दोबारा समर्थन पहुंचाया।

पोम्पियो के मुताबिक, ट्रम्प प्रशासन ने सभी विवादों को समझने के बाद रीगन के 38 साल पहले वाले फैसले को सबसे सही पाया जब सेटलमेंट हुआ था तो उस समय इसराइल के राष्ट्रपति नेतन्याहू ने कहा था- यह ऐतिहासिक गलती में सुधार जैसे इजराइल ने अमेरिका के इस फैसले का स्वागत किया है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू ने कहा कि यह ऐतिहासिक गलती को सही करने जैसा है। उन्होंने अन्य देशों से भी इस फैसले को मानने के लिए कहा। हालांकि, फिलिस्तीन की तरफ से वेस्ट बैंक के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे साएब एरेकत ने कहा,अमेरिका का फैसला वैश्विक स्थिरता, सुरक्षा और शांति के लिए खतरा है। इस तरह का फैसला अंतरराष्ट्रीय कानून को जंगल के कानून से बदलने जैसा है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि इसराइल के खिलाफ़ अमेरिका का अप्रत्यक्षित दंडात्मक कदम। इजराइल-हमास युद्ध में इजरायल के साथ खड़े नजर आने वाले अमेरिका ने वेस्ट बैंक वीजा प्रतिबंध लगाया।अमेरिका ने वेस्ट बैंक में शांति, सुरक्षा व स्थिरता को कमजोर करने वालों पर वीजा प्रतिबंध लगाया।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

Kishan
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

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