पूर्व प्रधानमंत्री ‌राजीव गांधी हत्याकांंड‌ के सभी दोषी जेल से रिहा

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले के सात दोषियों में शामिल एस. नलिनी और आर. पी. रविचंद्रन को उनकी आजीवन कारावास सजा की निर्धारित अवधि में छूट देने की याचिका स्वीकार करते हुए जेल में बंद बाकी सभी छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया। गांधी की हत्या 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में आयोजित एक चुनावी सभा के दौरान आत्मघाती बम विस्फोट से कर दी गई थी। एलटीटीई नामक आतंकी संगठन की महिला आत्मघाती धनु ने गांधी को फूलों का माला पहनाने के बहाने विस्फोट किया था।

दिल दहला देने वाली इस घटना में धनु समेत 16 अन्य लोगों की भी मृत्यु हो गई थी, जबकि 45 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरथ्ना की पीठ ने दोषियों की सजा माफ करने की तमिलनाडु सरकार की सिफारिश, 30 वर्षों से कैद में रहने और इस दौरान उनके संतोषजनक आचरण तथा पढ़ाई-लिखाई करने को आधार मानते हुए उन्हें माफी के साथ रिहा करने का आदेश दिया।

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि 18 मई को ए.जी. पेरारिवलन की उम्र कैद की सजा में छूट देकर रिहा करने का फैसला याचिकाकर्ताओं – नलिनी और रविचंद्रन के साथ-साथ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मुरुगन, रॉबर्ट पायस, संथन और जयकुमार पर भी लागू होगा। आजीवन कारावास की सजा के बाद 30 वर्षों से अधिक समय से जेल में बंद नलिनी ने मद्रास उच्च न्यायालय में अपनी रिहाई संबंधी याचिका खारिज होने के बाद अगस्त में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *