प्रेमचंद के साहित्य में स्त्री विमर्श के सारे आयाम मौजूद है: डॉ. हिमांशु कुमार

कोलकाता। कोलकाता के रानी बिड़ला गर्ल्स कॉलेज के हिंदी विभाग एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में मुंशी प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में ‘प्रेमचंद और स्त्री’ विषय पर राज्य स्तरीय संगोष्ठी आयोजित की गई।

कार्यक्रम का शुभारम्भ कॉलेज की प्राचार्या डॉ. श्राबंती भट्टाचार्य द्वारा मुंशी प्रेमचंद के तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ किया गया। तदुपरांत देश में महिलाओं के प्रति हो रहे नृशंस घटनाओं के लिए शोक प्रकट करते हुए एक मिनट का मौन धारण किया गया।

कॉलेज के कम्युनिकेटिव इंग्लिश विभाग की प्राध्यापिका डॉ. अंगना सान्याल द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति की गई।

उद्घाटन भाषण में कॉलेज की प्राचार्या ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद का साहित्य खासकर उनकी कहानियाँ वर्तमान समय के लिए भी बहुत प्रासंगिक हैं।

आई.क्यू.ए.सी. की समन्वयक प्रो. सुष्मिता दास ने स्वागत भाषण में प्रेमचंद के साहित्य की बारीकियों पर प्रकाश डाला और वर्तमान स्त्री विमर्श के मुद्दों के आलोक में विवेचन करने पर बल दिया।

अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापक ऋत्विक बालो ने ‘प्रेमचंद और स्त्रीः पितृसत्तात्मक संसार में स्त्री प्रतिरोध का स्वर’ विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि प्रेमचंद के स्त्री पात्र आज के स्त्री को प्रतिरोध करना सिखाती हैं।

राजनीति शास्त्र विभाग की प्राध्यापिका फौजिया जावेद ने अपने वक्तव्य में ‘प्रेमचंद की कहानी कफन में महिलाओं का मौन संघर्ष’ विषय पर बात करते हुए भारतीय स्त्री की पीड़ा, संघर्ष और अस्मिता की लड़ाई का जिक्र किया।

हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डॉ. पुष्पा तिवारी ने मुख्य विषय पर अपने विचार रखते हुए प्रेमचंद के साहित्य में आए स्त्री पात्रों की विविधता पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. हिमांशु कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, कल्याणी विश्वविद्यालय ने कहा कि प्रेमचंद स्त्रियों के मामले में अपने तत्कालीन समय से काफी आगे बढ़कर सोचते थें।

प्रेमचंद का साहित्य अलग से अस्मितामूलक विमर्शों की बात नहीं करता परन्तु उन सभी विमर्शो की जमीन तैयार करता है। उन्होंने जोर दिया कि प्रेमचंद के साहित्य की रचना प्रक्रिया को फिर से नये संदर्भों में परखने की जरूरत है।

संगोष्ठी में डॉ. विकास कुमार साव, डॉ. श्वेता रस्तोगी, डॉ. इबरार खान एवं प्रो. रोहित गुप्ता ने आलेख पाठ किया तथा इस अवसर पर विभिन्न कॉलेज के विद्यार्थी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विजया सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष प्रो. मंटू दास ने किया।

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