इस बात में कोई दो राय नहीं कि अनियमित वर्क लोड के चलते बी-टाउन हस्तियां एक बिजी लाइफ जीते हैं, जिसके कारण उनकी पर्सनल लाइफ काफी सफर होती है। यही एक कारण भी है कि उन्हें अपनों के साथ बहुत कम ही समय बिताना का मौका मिलता है। बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट (Alia Bhatt) के पिता महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्हें अपने करियर के दौरान ऐसी ही तमाम बातों का सामना करना पड़ा था।
पेशेवर प्रतिबद्धताओं के चलते महेश भट्ट न केवल अपने परिवार से दूर रहे बल्कि आलिया भट्ट की अनुपस्थिति उन्हें मन ही मन खाने लगी थी, जिसकी वजह से उनका स्वभाव एक्ट्रेस के प्रति काफी सख्त हो गया था। ऐसे में जब भी महेश भट्ट के सामने आलिया की शादी की बात होती तो वह उनके दूर जाने से ही सहम जाते थे और उन्हें बात-बात पर धमकी देना शुरू कर देते थे।
‘बाथरूम में बंद करने की धमकी देते हैं’ : दरअसल, अपने एक इंटरव्यू में आलिया भट्ट ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा था, ‘हर पिता की तरह मेरे पिता भी अपनी बेटियों की शादी नहीं करना चाहते हैं। मेरे पापा हमारी बहुत फिक्र करते हैं। उनका बस चले तो वह कभी मेरी और बहन शाहीन की शादी ना होने दें।’ अपनी बात को जारी रखते हुए आलिया ने आगे कहा, ‘एक बार मेरे पिता ने मुझसे कहा था कि हम उनकी मर्जी के बिना कहीं नहीं जा सकते हैं, वरना वह हमें एक कमरे में बंद कर देंगे। शादी की बात आते ही वह मुझे बाथरूम में बंद करने की धमकी देते थे। वह मेरी शादी नहीं करना चाहते, क्योंकि उन्हें डर है कि मैं उनसे दूर चली जाऊंगी।’
हालांकि, आलिया इन दिनों रणबीर कपूर को डेट कर रही हैं और इस साल के अंत तक दोनों की शादी होने की भी उम्मीद है। लेकिन कभी सोचा है क्यों बेटियों के पिता को शादी का सवाल परेशान करने लगता है।
खुश रहेगी भी या नहीं : भारतीय समाज में बेटी की शादी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है। लेकिन शादी नहीं कराने का एक कारण यह भी है कि ज्यादातर मामलों में, पिता को हमेशा अपनी बेटी के खुशहाल जीवन की चिंता सताती है। उन्हें हर पल इस बात का डर लगा रहता है कि जिस लड़के को वह अपनी बेटी के लिए चुन रहे हैं, वह अच्छा होगा भी या नहीं। बेटी शादी के बाद खुश रहेगी भी या नहीं। हालांकि, शादी से पहले रिश्तों के समीकरण सुलझाना किसी के बस का नहीं है। लेकिन आप चाहें तो पूरी जांच पड़ताल के साथ अपनी बेटी के लिए एक सुयोग्य वर चुन सकते हैं।
नुकसान और आशंका की भावना : एक स्टडी में एक बात को साबित किया गया है कि शादी के वक्त लड़की के पिता नुकसान और आशंका की भावना से ग्रसित होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें मन ही मन ऐसा लगने लगता है कि अगर वह शादी कर लेती है तो उसे मेरी उतनी जरूरत नहीं होगी, जितनी कि आज के समय में है। हालांकि, ऐसे समय में पैरेंट्स को समझना जरूरी है कि किसी दूसरे के आने से बेटियों के मन में अपने माता-पिता के लिए प्यार की भावना कभी कम नहीं होती है। हालांकि, शादी के बाद उनका बॉन्ड पहले से कहीं ज्यादा स्ट्रांग हो जाता है।
घर की जिम्मेदारियां : बेटों की तरह कमाऊ बेटियां घर की जिम्मेदारियां उठाने में सक्षम हैं। यही एक कारण भी है कि बेटे ही नहीं, बल्कि बेटियां भी बूढ़े माता-पिता का सहारा बन रही हैं। ऐसे में जो लोग केवल बेटियों के ही पैरेंट्स होते हैं, उन्हें भी अपनी बेटी की शादी खटकने लगती है। उनके मन में ऐसा डर बैठ जाता है कि उसके जाते ही वह पूरी तरह से अकेले हो जाएंगे। कोई उनकी देखभाल करने के लिए नहीं होगा। हालांकि, आज का समय काफी बदल चुका है। अब लड़के वाले इस बात को अच्छे से समझते हैं कि घर आने वाली बहू अपने पैरेंट्स की सिंगल चाइल्ड है, जिनके प्रति भी उसकी कुछ जिम्मेदारियां हैं।
किसी हादसे का शिकार : ऐसे पैरेंट्स भी अपनी बेटियों की शादी कभी नहीं करना चाहते हैं, जो तलाक, या लड़ाई-झगड़े जैसे किसी विवाद से गुजर रहे हों। ऐसे पैरेंट्स को लगने लगता है कि दो लोग अपने स्वार्थ के लिए एक साथ आते हैं, जिसके कारण अक्सर लाइफ पूरी तरह बर्बाद हो जाती है। हालांकि, ऐसे लोगों को इस बात को समझना चाहिए कि किसी भी रिश्ते को चलाना पूरी तरह दो लोगों पर निर्भर करता है। जरूरी नहीं कि शादीशुदा जिंदगी में जो बातें अपने फेस की हों, ऐसी ही बातों की जहमत आपकी बेटी को भी उठानी पड़े।