वाराणसी। अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। अहोई अष्टमी व्रत के विषय में पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री जी ने बताया कि इस वर्ष अहोई अष्टमी व्रत इस वर्ष 2023 ई. सन् 05 नवम्बर रविवार को किया जायेगा। संतान की दीर्घायु, आरोग्य जीवन प्रदान करने की मंगलकामना एवं परिवार की सुख समृद्धि और खुशहाली के लिए अहोई माता पार्वती का व्रत एवं पूजन किया जाता है। कुछ निसंतान महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए भी अहोई माता का व्रत करती हैं।
इस व्रत को महिलाएं निर्जला रहकर ही करती हैं और शाम को अहोई माता की आकृति गेरु और लाल रंग से दीवार पर बनाकर उनकी पूजा, कथा, आरती और मीठे पुए या आटे का हलवा का भोग लगाये,कुछ माताएं तारों की छांव में तो कुछ चंद्रमा को अर्ध्य देकर भोजन करती है। रविवार को सायं काल 5.45 बजे से 6.49 बजे तक अहोई देवी का पूजन करना कल्याणकारी रहेगा। अहोई अष्टमी के दिन पेठे का दान करें।
अहोई अष्टमी व्रत कथा : एक साहूकार की बेटी के द्वारा घर को लीपने के लिए मिट्टी लाते समय मिट्टी खोदने हेतु खुरपा चलाने से साही के बच्चों के मरने से संबंधित है। अहोईअष्टमी की दूसरी कथा मथुरा जिले में स्थित राधाकुण्ड में स्नान करने से संतान-सुख की प्राप्ति के संदर्भ में है।
ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848