मीरजाफर या विभीषण नहीं तृणमूल छोड़ने वाले अफजल खान

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : सबंग हाई स्कूल मैदान में युवा तृणमूल कांग्रेस की ओर से आयोजित जनसभा वस्तुतः पार्टी छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी में जाने वाले नेताओं पर पलटवार का मैदान बन गया । क्योंकि वक्ताओं ने उनके लिए एक से बढ़ कर एक रूपकों और विशेषणों का प्रयोग किया। सबंग के भूमिपुत्र कहे जाने वाले सांसद डॉ. मानस भुइयां ने नाम न लेते हुए ” गौर वर्णेर कालो संतान ” की संग्या देते हुए दल – बदलुओं पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जन्म से मृत्यु और शिशु से बुजुर्ग तक का ख्याल रखने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आखिर किस मुंह से निर्मम कहते हैं। प्रख्यात नाट्यकार और राज्य सरकार में मंत्री ब्रात्य बसु इस मामले में और भी आक्रामक नजर आए। उन्होंने जनसमूह का आह्वान करते हुए कहा कि ” खेला होबे ” नहीं खेला होए गेछे कहिए।

ममता बनर्जी राज्य की तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रही है । पार्टी छोड़ कर भाजपा में जाने वाले नेताओं पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि मैं इन्हें मीरजाफर या विभीषण कहना पसंद नहीं करता । क्योंकि ये दोनों विजयी हुए थे । पार्टी छोड़ने वाले गद्दारों की हालत ” अफजल खान ” जैसी होगी । भाजपा नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए बसु ने कहा ” इनके पास नेता नहीं है । दलबदलू काउंसिलर को भी पार्टी का झंडा थमाने केंद्रीय नेताओं को बंगाल आना पड़ता है ।

भाजपा की हालत ” गुजरात से आया मेरा दोस्त , दोस्त को सलाम करो , रात को खाओ पियो , दिन को मीटिंग करो , वाली है। तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता देवांशु भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा गणेश से दुर्गा को पराजित कराने का ख्वाब देख रहे हैं। देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री को सत्ता से हटाने की लालसा में भाजपा नेता ” डेली पैसेंजर ” बन गए हैं । उनकी हालत यह है कि कालीघाट में उन्हें कटोरा लेकर नेताओं की याचना करनी पड़ रही है । सभा में विधायक गीता भुइयां तथा वरिष्ठ नेता अमल पंडा , विकास भुइयां और अबु कलाम बख्श आदि उपस्थित रहे ।

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