यूपी के बाद त्रिपुरा सरकार के विज्ञापन में कोलकाता के फ्लाईओवर की तस्वीर, तृणमूल ने बोला हमला

कोलकाता। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाद अब त्रिपुरा के भी भाजपा सरकार ने कथित तौर पर कोलकाता के सियालदह फ्लाईओवर की तस्वीर को अपना बताकर सरकारी विज्ञापन में इस्तेमाल किया है। इसे लेकर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस एक बार फिर भाजपा सरकार पर हमलावर हो गई है। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने शनिवार को कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों के पास विकास के नाम पर दिखाने के लिए कुछ नहीं है इसलिए ममता बनर्जी के विकास की तस्वीरों को चोरी कर अपना बता रहे हैं।

दरअसल शुक्रवार को त्रिपुरा सरकार ने सड़क सुरक्षा के लिए नारा लिखने की एक प्रतियोगिता का विज्ञापन जारी किया था जिसमें लगी तस्वीर सियालदह फ्लाईओवर की तरह दिख रही है। इस तस्वीर में कोलकाता की पीली टैक्सी, हरे और पीले रंग की बसें तथा सियालदह फ्लाईओवर पर मौजूद ट्राम लाइन भी देखी जा सकती है जो त्रिपुरा में मौजूद नहीं है। इसकी तस्वीरें सामने आने के बाद लगातार त्रिपुरा सरकार की आलोचना हो रही है।

इस पर कटाक्ष करते हुए शनिवार को कुणाल घोष ने कहा कि हमारे राज्य के फ्लाईओवर को त्रिपुरा सरकार अपना बताकर प्रचार कर रही है। पश्चिम बंगाल के विकास का नकल करना ही भाजपा सरकार की आदत बन गई है। वे राजनीतिक तौर पर दिवालिया हैं। बेहतर होगा अगर त्रिपुरा की विप्लव देव सरकार क्षमा मांगे।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारों के पास विकास के नाम पर दिखाने के लिए अपना कुछ नहीं है इसलिए ममता सरकार के विकास कार्यों की तस्वीरें चोरी करते हैं। हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने इसे तरजीह देने से इनकार कर दिया है।

प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा है कि विज्ञापन बनाने और उसे जारी करने का काम निजी एजेंसियों को दिया जाता है। ऐसी एजेंसियों को सतर्क रहने की जरूरत है कि वे कौन सी तस्वीरें इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए किसी और को दोषी ठहराना ठीक नहीं। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। अगर सरकारी विज्ञापन में गलती हुई है तो उसे सुधारा भी जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि इसके पहले उत्तर प्रदेश की सरकार ने भी कोलकाता के मां फ्लाईओवर को अपना बताकर विकास के दावे किए थे। इसके अलावा केंद्रीय विमानन मंत्रालय ने भी अंडाल एयरपोर्ट की तस्वीरों को उत्तराखंड का बताकर अपने ट्विटर हैंडल से प्रचारित किया था जिसे लेकर काफी आलोचना हुई थी।

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