Kolkata Hindi News, कोलकाता। बजरंग पुनिया के पश्चात् अब महिला पहलवान विनेश फोगाट ने अपने पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया है। विनेश ने कहा, ‘मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न तथा अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूँ। इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद।’ बता दें कि बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया है। सोशल मीडिया X (ट्विटर) पर इस ऐलान के साथ ही उन्होंने एक चिट्ठी भी साझा की है।
इस चिट्ठी को उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा है। विनेश से पहले बजरंग पूनिया ने इसी प्रकार अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस लौटाया था। वहीं, साक्षी मलिक भी कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर चुकी हैं। प्रधानमंत्री मोदी को लिखी इस चिट्ठी में उन्होंने कहा है, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी, साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है तथा बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है।
देश के लिए ओलंपिक पदक मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को यह सब करने के लिए किस लिए मजबूर होना पड़ा, यह सब सारे देश को पता है। आप देश के मुखिया हैं तो आप तक भी यह मामला पहुँचा होगा।’ पत्र में उन्होंने आगे लिखा, ‘प्रधानमंत्री जी, मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूँ तथा बीते एक साल से जिस हाल में हूँ यह बताने के लिए आपको यह पत्र लिख रही हूँ।
मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूँ।
इस हालत में पहुँचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 pic.twitter.com/KlhJzDPu9D
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 26, 2023
मुझे याद है वर्ष 2016, जब साक्षी मलिक ओलंपिक में पदक जीतकर आई थी तो आपकी सरकार ने उन्हें ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का ब्रांड एम्बेसडर बनाया था। आज जब साक्षी को कुश्ती छोड़नी पड़ी तबसे मुझे वह वर्ष 2016 बार बार याद आ रहा है। क्या हम महिला खिलाड़ी सरकार के विज्ञापनों पर छपने के लिए ही बनी हैं। ‘
विनेश ने चिट्ठी में बृजभूषण सिंह पर हमला बोलते हुए कहा, ‘कुश्ती की महिला पहलवानों ने बीते कुछ वर्षों में जो कुछ भोगा है उससे समझ आता ही होगा कि हम कितना घुट घुट कर जी रही हैं। आपके वो फैंसी विज्ञापनों के फ्लेक्स बोर्ड भी पुराने पड़ चुके होंगे तथा अब साक्षी ने भी संन्यास ले लिया है।
जो शोषणकर्ता है, उसने भी अपना दबदबा रहने की मुनादी कर दी है, बल्कि बहुत भौंडे तरीके से नारे भी लगवाए हैं। आप अपनी जिंदगी के सिर्फ 5 मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए, आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या क्या किया है।’
चिट्ठी में आगे है, ‘उसने (बृजभूषण सिंह ने) महिला पहलवानों को मंथरा बताया है, महिला पहलवानों को असहज कर देने की बात सरेआम टीवी पर कबूली है तथा हम महिला खिलाड़ियों को जलील करने का एक अवसर भी नहीं छोड़ा है। उससे अधिक गंभीर यह है कि उसने कितनी ही महिला पहलवानों को पीछे हटने पर विवश कर दिया है।
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यह बहुत भयावह है। कई बार इस सारे घटनाक्रम को भूल जाने की कोशिश भी की लेकिन इतना आसान नहीं है।’ आगे विनेश ने कहा, ‘बजरंग ने किस हालत में अपना पद्मश्री वापस लौटाने का फैसला लिया होगा मुझे नहीं पता, लेकिन मैं उसकी वह फोटो देखकर अंदर ही अंदर घुट रही हूँ। अब मुझे भी अपने पुरस्कारों से घिन आने लगी है।
मुझे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न तथा अर्जुन अवार्ड दिया गया था, जिनका अब मेरी जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है। इसलिए प्रधानमंत्री सर, मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न तथा अर्जुन अवार्ड आपको वापस करना चाहती हूँ, जिससे सम्मान से जीने की राह में ये पुरस्कार हमारे ऊपर बोझ न बन सकें।’
भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे। इसमें संजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया था। तत्पश्चात, साक्षी मलिक ने यह बोलते हुए कुश्ती से संन्यास ले लिया कि फिर से बृजभूषण जैसा ही चुना गया है तो क्या करें? फिर बजरंग ने पद्म श्री लौटाया और अब विनेश ने अपना खेल रत्न लौटा दिया है। पैरा एथलीट वीरेंद्र सिंह भी अपना पद्म श्री लौटाने की बात कह चुके हैं।
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