आदित्य-L1 ने सफलतापूर्वक लगाया पृथ्वी का पहला चक्कर : ISRO

नई दिल्ली। भारतीयअनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को कहा कि देश का पहला सौर मिशन आदित्य-एल1 स्वस्थ है और संचालन कर रहा है। इसरो ने ट्वीट किया कि पहला अर्थ-बाउंड मैन्युवर (EBN#1) ISTRAC बेंगलुरु से सफलतापूर्वक पर्फॉम किया गया है। प्राप्त की गई नई ऑरबिट 245 किमी x 22459 किमी है। अगला मैन्युवर (EBN#2) 5 सितंबर 2023 को भारतीय समयनुसार करीब 03:00 बजे के लिए निर्धारित है। इसरो ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करके यह जानकारी दी।

भारत का पहला सौर मिशन आदित्य-एल1 शनिवार को श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। इसरो ने कहा कि आदित्य-एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है। 125 दिनों में पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद अंतरिक्ष यान को सूर्य के सबसे निकट माने जाने वाले लैग्रेंज पॉइंट L1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा।

इसरो ने कुछ दिन पहले चंद्रमा पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने के बाद एक बार फिर इतिहास रचने के उद्देश्य से शनिवार को देश के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ का यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया। इसरो ने बताया कि आदित्य-एल1 यान पीएसएलवी रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया है। भारत का यह मिशन सूर्य से संबंधित रहस्यों से पर्दा हटाने में मदद करेगा।

इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है। यह अंतरिक्ष यान 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर लंबी यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा, जिसे सूर्य के सबसे करीब माना जाता है। यह वहीं से सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का अध्ययन करेगा।

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