कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मगंलवार को एकबार फिर एडेनोवायरस से संबंधित लक्षणों वाले बच्चों की मौत का आंकड़ा 19 होने का दावा किया है। इनमें से छह में एडिनोवायरस के मामलों की पुष्टि हुई है। उनके अनुसार, शेष 13 मौतें सह-रुग्णता के कारण हुईं हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में एडेनोवायरस के मंडराते खतरे को खारिज करते हुए कहा कि हालांकि वायरस ने उनके परिवार के एक सदस्य को भी प्रभावित किया है, लेकिन उन्होंने इसका प्रचार नहीं किया था।
हालांकि, गैर-सरकारी आंकड़ों में दस दिनों में संबंधित लक्षणों वाले अस्पतालों में भर्ती बच्चों की मौत का आंकड़ा 45 होने का दावा किया गया है। आंकड़ों के अनुसार दोपहर तक यह आंकड़ा 40 था। रविवार दोपहर से सोमवार देर शाम तक की अवधि में संबंधित लक्षणों वाले पांच और बच्चों की मौत की सूचना मिली है। इससे दस दिनों में यह आंकड़ा 45 हो गया है। लेकिन, प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
सूत्रों ने बताया कि सबसे ज्यादा मौतें बीसी से हुई हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा, हालांकि सभी मौत के मामलों में एडेनोवायरस के मामलों की पुष्टि नहीं हुई थी, निश्चित रूप से इन सभी बच्चों को सर्दी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और गले में खराश जैसे फ्लू जैसे लक्षणों के साथ भर्ती कराया गया था।
उनके अनुसार, चूंकि अब तक एडेनोवायरस के उपचार के लिए स्वीकृत दवा या कोई विशिष्ट लाइन है, ऐसे मामलों में उपचार की प्रक्रिया में अड़चनें आ रही हैं। वायरस त्वचा के संपर्क से, खांसने और छींकने से और संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से फैल सकता है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही डॉक्टरों, विशेष रूप से बाल रोग विशेषज्ञों के लिए, फ्लू जैसे लक्षणों के साथ भर्ती होने वाले बच्चों, विशेष रूप से दो साल या उससे कम उम्र के बच्चों की विशेष देखभाल करने के लिए एक सलाह जारी की है, क्योंकि वे एडेनोवायरस से प्रभावित होने के लिए सबसे अनुकूल हैं।