हिस्सेदारी खरीदने से पहले अडानी समूह ने सेबी की मंजूरी नहीं ली : एनडीटीवी

नयी दिल्ली: समाचार प्रसारक एनडीटीवी ने गुरुवार को कहा कि उसके प्रमोटर प्रणय राय और राधिका राय पर शेयरों की खरीद या बिक्री तथा प्रतिभूति बाजार से संबंद्धता पर प्रतिबंध लगाया गया है इसलिए अडानी समूह को लेनदेन को पूरा करने के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी लेनी होगी। एनडीटीवी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के 27 नवंबर- 2020 के आदेश के तहत उसके प्रमोटरों शेयरों की खरीद या बिक्री तथा प्रतिभूति बाजार से संबंद्धता पर दो साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया है और यह अवधि आगामी 26 नवम्बर-2022 को समाप्त हो रही है।

बयान में दावा किया गया है कि अडानी समूह को लेनदेन को पूरा करने के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी लेनी होगी। उद्यम हस्ती गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह ने मंगलवार को घोषणा की थी कि उसकी मीडिया शाखा एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड (एएमएनएल) परोक्ष रूप से एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी और 26 फीसदी शेयरों के लिए खुला ऑफर भी पेश करेगी। उसी दिन समूह ने स्टॉक एक्सचेंजों बीएसई और एनएसई को भी सूचित किया कि एएमएनएल ने वीसीपीएल में 100 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी हासिल कर ली है।

अडानी समूह की घोषणा के तुरंत बाद एनडीटीवी ने कहा था कि वीसीपीएल द्वारा अधिकारों का प्रयोग बिना किसी इनपुट, बातचीत या एनडीटीवी के संस्थापकों की सहमति के बिना किया गया है। उल्लेखनीय है कि एनडीटीवी के पास तीन प्रमुख राष्ट्रीय चैनल और एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म है। मीडिया कंपनी ने 123 करोड़ रुपये के ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई के साथ 421 करोड़ रुपये का राजस्व और वित्तीय वर्ष-22 में 85 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक गौतम अडानी एनडीटीवी के अधिग्रहण के बाद मुकेश अंबानी के सामने मीडिया सेक्टर में चुनौती खड़ा करेंगे, जिनके नियंत्रण में नेटवर्क-18 है।

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