कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जनजाति के दर्जे के लिए प्रदर्शन कर रहे कुर्मी समुदाय ने बुधवार को आरोप लगाया कि राज्य में संथाल समुदाय को उनके खिलाफ भड़काने के लिए प्रशासनिक साजिश चल रही है। कुर्मी नेता अजीत महतो ने कहा, आदिवासी समुदाय के लोगों को हमारे खिलाफ भड़काने की साफ साजिश है। इस साजिश के पीछे प्रशासन है। इस साजिश के पीछे मुख्य दिमाग कोलकाता से चल रहा है।
हालांकि, उन्होंने कोई नाम देने से इनकार कर दिया। कुर्मी और राज्य सरकार के बीच कुछ समय से तनाव बढ़ रहा है। पहले एसटी दर्जे की मांग को लेकर लगातार विरोध कार्यक्रमों को लेकर और फिर हाल ही में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हुए हमले को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है।
कथित तौर पर कुर्मी समुदाय के लोगों द्वारा किए गए उस हमले में पश्चिम बंगाल के मंत्री बीरबाहा हंसदा का वाहन, जो काफिले का हिस्सा था, क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। संथाल समुदाय से आने वाली हांसदा ने उस समय हमलावरों के खिलाफ तीखा हमला किया और अंत तक अंजाम भुगतने की धमकी भी दी।
मामले में अब तक पुलिस ने तीन शीर्ष कुर्मी नेताओं समेत कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। महतो ने कहा कि अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के समर्थन में आंदोलन जारी रखने के अलावा गिरफ्तार किए गए कुर्मी नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन आने वाले दिनों में और उग्र होगा।
महतो ने कहा, प्रदर्शन के तहत सांसद व विधायक जैसे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के आवास तक बाइक रैली निकाली जाएगी। हम राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के आगामी चुनावों के लिए जल्द ही अपनी रणनीति को अंतिम रूप देंगे। हम अपनी मांग को पूरा करने के लिए अंत तक लड़ेंगे।