भारतीय व्यंजनो की एक झलक : कड़ी 4 (दक्षिण भारतीय राज्य)

(दक्षिण भारतीय राज्य)

बद्रीनाथ साव, कोलकाता। भारतीय व्यंजनों की एक झलक श्रृंखला के कड़ी 3 के बाद अब बारी है कड़ी 4 की जिसमे मैं आपको दक्षिण भारतीय राज्यों की परम्परागत खान-पान से अवगत कराने की कोशिश करूँगा।

20. आंध्र-प्रदेश : मसालेदार खाने के लिए प्रसिद्ध राज्य आंध्र-प्रदेश दक्षिण भारत का प्रमुख हिस्सा है। यहाँ के सुप्रसिद्ध व्यंजनों की खुशबू पूरे देश में महकती है। अगर आप आंध्र-प्रदेश की सैर पर हैं तो मान लीजिये व्यंजनों की क़तार लगी हुई है आपके लिए, जैसे की पुलिहोरा, चेपा पुलुसु, गोंगुरा अम्बुदा आचार, पेसरट्टु, गुट्टी वैंकया कोरा, पुनुगुलु, दही भात, डोंडकाया फ्राई, बॉबबॉटलु, मेडु वड़ा, उपपीन्डी, इत्यादि। तो मसालेदार खाने के शौक़ीन आंध्रा की शहरो, कस्बो और गावों में आना न भूले।

21. केरला : रुख मोड़ते है अब चलते है केरला की गलियों में, केरला की प्राकृतिक खूबसूरती नयनो से होते हुए शरीर के अंदर – बाहर पोर-पोर को जिस तरह से मुग्ध कर देती है ठीक वैसे ही ईडियापाम करी, एरिसेरी, पुट्टु और कडाला करी, अप्पम इशूतू, परिप्पू करी, डोसा घी रोस्ट, इडली साम्भर, नदन कोज़्ही वरूथाथु, करीमैन पोळीचातु, कल्लूमाखया उलरथियाथु, पालदा पायसम, एठकका आप्पम, अदा प्रधामन, चट्टी पथिरी का स्वाद भी हृदय को स्वादिष्ट बना देता है।

22. तमिलनाडु : केरला से होते हुए जब हम तमिलनाडु पहुंचते है तो जायका बदलता है और मुँह में भर-भर पानी भी आने लगता है, क्योंकि शायद ही देश का कोई कोना होगा जहां पर इस राज्य की प्रसिद्द व्यंजन इडली, डोसा, साम्भर, उत्थपम, वड़ा, रसम ने अपनी पैठ न जमाई हो, शायद ही कोई शहर हो जहां साउथ इंडियन फ़ूड स्टाल हो और बनाना बोंडा, पायसम, प्रॉन्स कुज़हाम्बु ना बिकता हो। शाकाहारी खाने की कई प्रसिद्ध व्यंजनों के साथ ही यहां पर मांशाहार में प्रसिद्ध चिकन चेट्टीनाद को भी लोग बड़े चाव से खाते है।

23. कर्नाटक : अगर कर्नाटक पहुँचते-पहुँचते पेट भर गया हो तो खाली कर लो क्योंकि जुबान की लपलपाहट यहां के स्वाद के बिना आगे जाएगी ही नहीं, खींचकर दुकानों तक ले जायेगी और जेब खाली करते हुए खाने के लिए ललक उठेगी। यहां के रेस्टोरेंट में आपको विशेष तौर में जो व्यंजन मिलेंगे वे इस प्रकार हैं। मैसूर मसाला डोसा, चाउ चाउ भात, रगड़ी मूद्दे और सपिन्ना सरु, कोर्री गसी, ओबबटटू और होलिज, काने रवा फ्राई, बीसी बेले भात, कूर्ग पंडी करी, मंगोलोरीन भेंडे पुली कोडेल, उडुपी टोमेटो रसम, कुण्डपुरा कोली सारू, अल्लूगेडा, हालबाई, पूरी उरुन्दै, चिरोटी इत्यादि।

24. तेलंगाना : बिरयानी के नाम मात्र से ही पाँव में तरंगे उछाल मारने लगती है मन करता है पंख लगाकर पहुँच जाए तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद। देश के किसी भी हिस्से में आप क्यों न बिरयानी खाये हो लेकिन हैदराबाद पहुंचकर खाना भूल गए तो फिर क्या तेलंगाना घूमे, नवाबजादो की ये नगरी नवाबी रुतबे के साथ ही अपने जायके के लिए भी काफी सुर्खिया बटोरती है। बिरयानी के अलावा यहां आपको पारंपरिक व्यंजन सर्वा पिंडी, मालिडालू, साकिनालू, गरिजाळु, गोलीचिना मामसम, पाची पुलुसु जैसी स्वादिष्ट व्यंजन आहार और नाश्ते के रूप में मिल जाएंगे।

25. लक्ष्यदीप : अब हम भारत के केंद्र शासित राज्य लक्ष्यदीप के कुछ व्यंजनों के बारे में जानेंगे। ये भारतीय द्वीप समूह का एक हिस्सा है और यहां की प्रमुख व्यंजनों की तालिका कुछ इस प्रकार है। ऑक्टोपस फ्राई, मस कवाब, फिश टिक्का, फिश पकोड़ा, मासु पोडीचाथ।

26. पुडुचेर्री : लक्ष्यदीप की ही भाँती पुडुचेर्री भी भारतीय द्वीप समूह का हिस्सा है जिस कारण लाज़मी है की यहां भी समुद्री जीवो से बनी व्यंजन ही प्रमुख रूप से पाए जाएंगे, पर इसके अलावा भी आपको पुडुचेर्री में खाने के लिए तंदूरी पोटैटो, सोया डोसा, असाद, कोकोनट करी, पोंडिलांग्की, पलपायसम जैसे दिलकश व्यंजन भी मिल जाएंगे।

27. अंदमान और निकोबार द्वीप समूह : लक्ष्यदीप और पुडुचेर्री की ही भाँती अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के मध्य बसा अंडमान और निकोबार भी भारतीय गणतंत्र का द्वीप समूह है और यहां मुख्यत: खाने के लिए सैलानियों को मिल जाती हैं। अमृतसरी कुलचा, चिल्ली करी, माछेर झोल, ग्रिल्ड लोब्स्टर्स, बारबेक़ुएस इत्यादि।

तो दोस्तों ये थी दक्षिण भारतीय राज्यों के व्यंजनों की झलक अगले और आखरी भाग में मैं आपको ले चलूँगा भारत के उत्तर पूरी राज्यों की तरफ।

जारी है…….

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × 5 =