भारतीय व्यंजनो की एक झलक कड़ी 1

(पूर्वोत्तर एवं मध्य भारतीय राज्य)

बद्रीनाथ साव, कोलकाता। भारत को विविधिताओं का देश कहा जाता है, कारण यहां विभिन्न संस्कृतियों का, अधिकाधिक भाषाओ का, अनेक परम्पराओं का समुचित संगम है। अब जहां इतनी विविधिताएं हो खान – पान में विविधिता कैसे नहीं हो सकती है, लाज़मी है होंगी। वैसे तो भारत का मुख्य आहार चावल दाल, रोटी और सब्ज़ियां है लेकिन ये और भी स्वादिष्ट तब हो जाती है जब इसमें विभिन्न राज्यों की भिन्न – भिन्न प्रकार की व्यंजने जुड़ जाती है, पूरब से पश्चिम आते – आते और उत्तर से दक्षिण पहुँचते – पहुँचते आपको ५६ भोग के दर्शन हो ही जाएंगे।

प्रमुख तौर पे यह देश शाकाहारी प्रधान है लेकिन मांश , मछली , अंडे से बनी उत्कृष्ट व्यंजन भी आपको मिल जाएंगे। तो चलिए अपने इस लेख में मैं आपको भारत के सभी राज्यों के प्रमुख खानपान से रूबरू करवाने की कोशिश करता हूँ। दिन की शुरुआत सूरज के पूरब से उगने से होती है तो क्यों न मैं भी शुरुआत भारत के पूर्वी और मध्य राज्यों से करूँ। भारत के पूर्वोत्तर में मुख्य रूप से, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, ओड़िसा एवं बिहार है , तो वही मध्य भारत की पैरवी मध्यप्रदेश अपने अनुज छत्तीसगढ़ के साथ करता है।

१. पश्चिम बंगाल :
तो बात पश्चिम बंगाल की करें तो यहां के लोग स्वाभाव से जैसे भी हो पर इनका भोजन बिना मिठाई और मछली के पूरा होता ही नहीं , यहीं कारण है कि यहां की मिठाई विशेषकर रोसगुल्ला और मछली विशेषकर इलिश पूरे राष्ट्र में प्रशिद्ध है। इसके अलावा आलू – पटल पोस्तो से लिपटी सब्ज़ी मछली के माथे से बनी दाल , चिंगरी मछली से बनी कटहल बड़े ही चाव से खाते है सब लोग।

२. झारखण्ड :
बंगाल के ही समीपवर्ती राज झारखण्ड की बात करें तो यहां पे एक नए व्यंजन के रूप में आपको चावल के छिलके से बनी हुवी रोटी , चावल और दाल के मिश्रण से बनी ढुस्का , दाल की कचड़ी मिल जायेगी जो कि विशेषतौर पे यहां के लोग उत्स्व के दौरान या फिर मेहमानों के स्वागत के दौरान बनाते है। इसके अलावा आपको यहीं पर विशेष रूप से खपरा रोटी , अरसा रोटी ,आरु की सब्ज़ी , मर्द झोर , चकोर झोल , सनाई के फूल की सब्ज़ी , बांस की करेल , बाँसफूकरी , चेकनस इत्यादि मिल जाएंगे , इनमे अधिकाँश व्यंजन आदिवासियों के कारण प्रसिद्द है।

३. ओड़िसा:
चार धाम में एक जगन्नाथ पूरी के राज्य ओड़िसा के व्यंजन की विशेषता यह है कि समुन्द्र के छोर पे स्तिथ होने के कारण यहां के लोग समुद्री जीव से बने अनेक प्रकार के व्यंजनों का लुफ्त उठाते हुवे दिख जाएंगे जिनमे झींगा , झींगा मछली , इलिश , वेटकी , रोहू , कटला प्रमुख है। इसके अलावा जगन्नाथ पूरी में मिलने वाला महाप्रसाद भी पूरे देश के लोगो के बीच प्रसिद्द है। आपको यहां विशेष प्रकार से बने हुवे, पांखला, पलाउ, कनिका, दालमा, चातु इत्यादि मिल जाएंगे।

४. बिहार :
तो बहिनी आर भइया बिहार अइला त बिना लिट्टी चोखा खईले ना जइहा। टूटी – फूटी भोजपुरी में लिखे इस वाक्य से आप समझ ही गए होंगे कि मैं अब बिहार पहुँच चूका हूँ। जहां का लिट्टी चोखा पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशो में भी प्रचलित है। इसके अलावा आपको यहां सत्तू के पराठे , कढ़ी बरी , घुघनी , छुड़ा ,, भरवा करेला , आचार , कोफ़्ता , केला मछली , बिहारी कवाब इत्यादि की महक भी मन को विभोर कर देगी।

५. मध्य प्रदेश :
खाना मुख से होते हुवे पेट में पहुँचने के पहले अगर दिल में पहुँच जाय और चेहरे पे संतुष्टि के भाव आ जाय तो समझ लीजिये आप मध्य भारत के मध्य प्रदेश में पहुँच चुके है , और आप बड़े ही चाव से पोहा , दाल बाफला , सीख कबाब , भुट्टे का कीस , भोपाली घोस्ट कोरमा , पालक पूरी , चक्की की शाक ,जैसी व्यंजनों का लुफ्त उठा रहे है। इसके अलावा , श्रीकंद , इरावती, फालूदा, पल्हरी चिवड़ा इत्यादि जैसी वयंजनो से अपने जीभ को और भी स्वादिष्ट कर सकते है।

६. छत्तीसगढ़ :
अब अगर आपने गुलगुले का स्वाद लेना शुरू किया है और हर तरफ आपको गुलगुले दिखने लगे है तो आपको किंचित भी संशय नहीं होना चाहिए कि आप चाट पकोड़े के गढ़ छत्तीसगढ़ पहुँच चुके है। यहां पर आप मुठिया,आमत, बरा , भजिया , साबूदाना की खिचड़ी , छिल्ला , हटफोड़वा , फर्रा / फारा , तिलघुर ,कुसली , लवंग लटिका , दाल मखानी बुखारा , दाल पीठी , डुबकी कड़ी , जैसी स्वादिष्ट व्यंजनों से अपने स्वदग्रंथि को तृप्त कर सकते है , और चाहे तो झोले में भरकर घर भी ले जा सकते है।

पूर्वोत्तर और मध्य भारतीय राज्यों के व्यंजनों के बाद अब बारी आती है , उत्तर भारतीय राज्यों की , जिसकी चर्चा अगली कड़ी में। तबतक टिपण्णी करके बताइये कि मैं आपके राज्य के और किस व्यंजन को बताना भूल गया। जारी है …

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