कोलकाता : भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने आशंका जताई है कि ममता सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को गिरफ्तार करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी जब तक तृणमूल में थे, तो उनके खिलाफ कोई मामला नहीं था। उनके भाजपा में शामिल होने के बाद से एक के बाद एक कार्रवाई शुरू हो गई है। ऐसा लगता है कि उन्हें गिरफ्तार करने के लिए साजिश रची जा रही है।
दिलीप घोष ने कहा कि इसलिए मुझे लगता है कि अदालत ने उनके लिए अंतरिम सुरक्षा का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि बॉडीगार्ड की मौत के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया था, लेकिन हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने डिवीजन बेंच में याचिका दायर की है। इसके पहले उन्हें सीआईडी ने तलब किया था।
ज्ञातव्य है कि शुभेंदु अधिकारी पहले ममता बनर्जी के मंत्री थे, परंतु विधानसभा चुनाव के पहले वह तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। विधानसभा चुनाव में उन्होंने नंदीग्राम से ममता बनर्जी को पराजित किया था। उसके बाद ममता बनर्जी जब फिर से मुख्यमंत्री बनी तो बॉडीगार्ड की मौत के मामले का सीआईडी जांच का आदेश दिया, लेकिन शुभेंदु अधिकारी ने अदालत में इसकी चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति राजशेखर मंथर की एकल पीठ ने कल बॉडीगार्ड हत्या सहित तीन मामलों पर स्थगनादेश लगा दिया था और कहा था कि शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाया जाए। यदि कोई नया FIR दर्ज होता है, तो पहले कोर्ट को जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही शुभेंदु अधिकारी को जांच में सहयोग करना होगा। राज्य सरकार के इस निर्देश को चुनौती देते हुए न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार की खंडपीठ में एक मामला दर्ज किया है। जिसकी कल सुनवाई की संभावना है।
गौरतलब है कि भाजपा नेता शुभेंदु के बॉडी गार्ड रहे शुभब्रत चक्रवर्ती की मौत के मामले में सीआईडी ने उन्हें तलब किया था लेकिन शुभेंदु अधिकारी सोमवार को सीआईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। उन्होंने सीआईडी कार्यालय को ईमेल भेजकर हाजिर होने में असमर्थता जाहिर की थी। इसके साथ ही कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उन्हें रक्षा कवच मिल गया था, लेकिन अब फिर से याचिका दायर होने से शुभेंदु अधिकारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।