‘तब गुरु तेग बहादुर थे, अब तेरी मेरी बारी है’ – राष्ट्रीय कवि संगम ने काव्योत्सव द्वारा सबको सतर्क करने का प्रयास किया
गुरु तेग बहादुर को उनके बलिदान दिवस पर स्मरण किया राष्ट्रीय कवि संगम ने काव्य
गुरु तेग बहादुर को उनके बलिदान दिवस पर स्मरण किया राष्ट्रीय कवि संगम ने काव्य