आर बी दास की कविता : जिंदगी की तपिश

“जिंदगी” की “तपिश” को सहन कीजिए जनाब, अक्सर वे पौधे “मुरझा” जाते हैं जिनकी परवरिश

डॉ. आरबी दास की कविता : सीखो

।।सीखो।। आर. बी. दास जब से परीक्षा वाली जिंदगी पूरी हुई है, तब से जिंदगी