प्रेमचंद जयंती पर विशेष कवितांजलि

आज बोलता है हे युग-पुरुष! ओ प्रेमचंद तेरी लेखनी के नींव पर है टीका हुआ

डीपी सिंह की रचनाएं

सूना सूना है गटर, कीड़े हैं नाराज़ थाली के हर छेद से, निकल रहे जो

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जयंती पर आभासी संगोष्ठी का आयोजन होगा

नागदा (निप्र) : राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा 121वीं आभासी संगोष्ठी में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद

श्री राम काव्यपाठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता बंगाल के संयोजकों की बैठक सम्पन्न

अद्भुत श्री राम काव्यपाठ प्रतियोगिता न भाषा का बंधन न आयु की सीमा निप्र, कोलकाता।

प्रो. शर्मा को अंतरराष्ट्रीय प्रेमचंद आलोचना सम्मान अर्पित किया जाएगा

निप्र, उज्जैन : साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट अवदान के लिए प्रो. शर्मा को नार्वे

डीपी सिंह की रचनाएं

*मौसमी कुण्डलिया* मादा मच्छर का गणित, होय बहुत ही भिन्न। भिन्न भिन्न कर भिन्न विधि,

डॉ. कलाम ने आत्मनिर्भर राष्ट्र निर्माण में अविस्मरणीय भूमिका निभाई : डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा

निप्र, उज्जैन। पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की अ.भा. आभासी बैठक संपन्न

संस्था के सदस्य अपने दायित्व को समझें – डॉ. शहाबुद्दीन शेख निप्र, उज्जैन : किसी

दुर्गेश वाजपेई की कविता : प्रभा

प्रभा वो दिख रहा है सूर्य कहीं प्रतिपल मेरी दृष्टि से वो डूब रहा है

डीपी सिंह की रचनाएं

दलदल के उस पार है, लाखों की सौगात ऊपर बैठी ताक में, गिद्धों की बारात