डॉ. आर.बी. दास की रचनाएं

चेहरे की हंसी दिखावट सी हो रही है, असल जिंदगी भी बनावट सी हो रही

डॉ. आर.बी. दास की रचना

जरूरी नहीं हर रिश्ता प्यार का ही हो, कुछ रिश्ता अपनापन का भी होते हैं…

डॉ. आर.बी. दास की रचना

वो भी क्या समय था… जब किसी को स्टेशन छोड़ने जाओ तो… आंखे नम हो

श्री कृष्ण जन्मोत्सव

डॉ. आर.बी. दास, पटना। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी के रूप में दो दिन मनाया

भाई बहन का पावन त्योहार : रक्षा बंधन

डॉ. आर.बी. दास, पटना। श्रावण मास की पूर्णिमा अत्यंत शुभ और पवित्र मानी गई है।

डॉ. आर.बी. दास की कविता

अंधों को अंधेरे से कोई फर्क नहीं पड़ता, उगते सूरज से भी कोई फर्क नहीं

रविवार : सोमवार के पहले और शनिवार के बाद आने वाला दिन

डॉ. आर. बी. दास, पटना। सूर्य का दिन “रविवार” नाम हेलेनिस्टिक ज्योतिष से लिया गया

डॉ. आर. बी. दास की कविता

इंसान हैं लेकिन फर्क सिर्फ इतना है, कुछ जख्म देते हैं, कुछ जख्म भरते हैं।

डॉ. आर.बी. दास की कलम से

।।जिंदगी।। डॉ. आर.बी. दास जो है जैसी है मेरी जिंदगी है, हां थोड़े तकलीफों से

संत कबीर दास

डॉ. आर.बी. दास, पटना। कबीर साहब का जन्म कब हुआ, यह ठीक-ठीक जानकारी नहीं मिल