- इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूरोसाइंस, कोलकाता ने सेवा के 15 साल पूरे किये
कोलकाता 15 अप्रैल (निप्र.)|| इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूरोसाइंस, कोलकाता (आईएनके) ने अपनी स्थापना के 15 वर्ष पूरे किये। इस मौके पर आईएनके के संस्थापक प्रोफेसर आर पी सेनगुप्ता ने अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें यह यकीन ही नहीं हो रहा है कि आईएनके ने अपनी स्थापना के 15 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
आज के दिन मैं बहुत भावुक हूँ। जिस उद्देश्य के हेतु हमने इस इंस्टिट्यूट की स्थापना की थी उसका एक शानदार हिस्सा हमने पार कर लिया है। हमने इन 15 सालों में जिस प्रकार से जनता की सेवा की है और साथ ही मेडिकल के क्षेत्र में नए नए तकनीकों का विकास किया है, उसपे हमें गर्व है।
आने वाले दिनों में भी आईएनके इसी प्रकार अपने उद्देश्य के प्रति दृढ़संकल्प से आगे बढ़ेगा। इंस्टिट्यूट के उपाध्यक्ष डॉ. ऋषिकेश कुमार ने आईएनके की उपलब्धियों को बताया और साथ ही नए प्रोजेक्ट स्नायु तीर्थ की परिकल्पना के बारे में बताया।
इस खास मौके को यादगार बनाने हेतु बांग्ला फिल्म के वरिष्ठ अभिनेता पराण बंधोपाध्याय ,प्रोफेसर आशुतोष घोष वाईस चेयरमैन एकेडेमिक वेस्ट बंगाल स्टेट कॉउन्सिल ऑफ़ हायर एजुकेशन तथा पूर्व वाईस चांसलर कलकत्ता विश्वविद्यालय,
डॉ. एंड्रू फ्लेमिंग ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिशनर कोलकाता, मिस्टर अंडालिब इलियास डिप्टी हाई कमिश्नर बांग्लादेश, स्वामी डॉ. सत्येशानंदा महाराज असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी रामकृष्ण मठ व मिशन के उपस्थित थें।
गौरतलब है कि आईएनके पश्चिम बंगाल व नार्थईस्ट क्षेत्र का विख्यात न्यूरोसाइंस इंस्टिट्यूट है। देश के कई उन्नत न्यूरोसाइंस सेंटर भी कई पेशेंट को कोलकाता रेफेर करते हैं।
आईएनके के मूल शोध कार्य की प्रसंशा करते हुए कलकत्ता विश्वविद्यालय सहित बेलूरमठ के विवेकानंद विश्वविद्यालय, न्यूकास्टल विश्वविद्यालय और ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविधालय भी INK का सहयोग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि आईएनके पश्चिम बंगाल व नार्थईस्ट क्षेत्र का विख्यात न्यूरोसाइंस इंस्टिट्यूट है। देश के कई उन्नत न्यूरोसाइंस सेंटर भी कई पेशेंट को कोलकाता रेफेर करते हैं।
आईएनके के मूल शोध कार्य की प्रसंशा करते हुए कलकत्ता विश्वविद्यालय सहित बेलूरमठ के विवेकानंद विश्वविद्यालय, न्यूकास्टल विश्वविद्यालय और ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविधालय भी INK का सहयोग कर रहे हैं।
संस्थान ने दानदाताओं व शुभचिंतकों का सपना तो पूरा कर दिया, बावजूद इसके मंजिल अभी भी बहुत दूर है। इसी के मद्देनज़र स्नायु तीर्थ का निर्माण किया जा रहा है।
जहाँ 800 बिस्तरों वाले अस्पताल और 150 छात्रों के प्रवेश के लिए एक मेडिकल कॉलेज के परिसर का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी आधारशिला माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 12 फरवरी को रखी है।
अस्पताल सभी स्वास्थ्य साथी मरीज़ों का इलाज़ करने के लिए दृढ़संकल्प है। दूसरे चरण में न्यूरोसाइंसेज विश्वविद्यालय अपने गंतव्य का आखरी पड़ाव हासिल करने की पूरी कोशिश करेगा। जहाँ यह सुनिश्चित किया जायेगा कि यह इंस्टिट्यूट दुनिया के प्रमुख इंस्टिट्यूट में एक हो।
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