भारत में अब ख़ुदकुशी, का बढ़ रहा प्रकोप।
इसे रोकने का कहीं, नहीं बन रहा स्कोप।।
नहीं बन रहा स्कोप, डूबता दिल इस ग़म में।
पत्नी ये ही हाय, मिलेगी सात जनम में।।
सुन लो हे भगवान, हमारी विनती आरत।
वापस लो कानून, तभी ख़ुश होगा भारत।।
भारत में अब ख़ुदकुशी, का बढ़ रहा प्रकोप।
इसे रोकने का कहीं, नहीं बन रहा स्कोप।।
नहीं बन रहा स्कोप, डूबता दिल इस ग़म में।
पत्नी ये ही हाय, मिलेगी सात जनम में।।
सुन लो हे भगवान, हमारी विनती आरत।
वापस लो कानून, तभी ख़ुश होगा भारत।।