Shock to SBI in electoral bond case: SC said- give information within 24 hours

चुनावी बांड मामले में SBI को झटका: SC ने कहा- 24 घंटे के अंदर दें जानकारी

नयी दिल्ली :  चुनावी बांड मामले में SBI की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और एसबीआई को बड़ा झटका लगा है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की संविधान पीठ ने याचिका पर सुनवाई की है। SBI ने सुप्रीम कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी डिटेल देने के लिए 30 जून तक मोहलत मांगी थी, जो उसे नहीं मिली है।

अब SBI को 24 घंटे के भीतर यानी कल 12 मार्च तक चुनाव आयोग को जानकारी का विवरण देना होगा। इसके साथ ही चुनाव आयोग को ये जानकारी 15 मार्च तक पोर्टल पर सार्वजनिक करनी होगी।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि बैंक को भारत के चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।

उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से सोमवार को पूछा कि उसने चुनावी बॉण्ड योजना को पिछले महीने रद्द किए जाने से पहले राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए बॉण्ड संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए हैं।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने अहम सुनवाई की शुरुआत करते हुए कहा कि उसने एसबीआई से न्यायालय के निर्णय के तहत ”स्पष्ट खुलासा” करने को कहा था। इस पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।

पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ”असंवैधानिक” करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था।

पीठ ने कहा, ”पिछले 26 दिन में आपने क्या कदम उठाए हैं? आपकी अर्जी में इस बारे में कुछ नहीं बताया गया।”

उसने कहा कि एसबीआई को सिर्फ सीलबंद लिफाफा खोलना है, विवरण एकत्र करना है और निर्वाचन आयोग को जानकारी देनी है। मामले की सुनवाई अभी जारी है।

न्यायालय एसबीआई की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉण्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए समय-सीमा 30 जून तक बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया है।

पीठ एक अलग याचिका पर भी सुनवाई कर रही है जिसमें एसबीआई के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया है।

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