कोलकाता : बंगाल में आगामी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन कर चुनाव लड़ेंगे। सीट बंटवारे को लेकर गुरुवार को कोलकाता में दोनों दलों की पहली संयुक्त बैठक हुई। इसमें दोनों दलों के वरिष्ठ नेतागण उपस्थित थे। हालांकि जरूरी कार्य को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी बैठक में उपस्थित नहीं हुए। बताते चलें कि वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में भी वाममोर्चा तथा कांग्रेस में गठबंधन हुआ था। 92 सीटों पर दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था जिसमें 44 सीटों पर कांग्रेस को सफलता मिली थी। शेष सीटों में 29 पर वाममोर्चा को जीत मिली थी। बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने है।
इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने चार सदस्यीय एक समिति का गठन किया है। चार सदस्यीय समिति में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य और नेपाल महतो हैं।गौरतलब है कि कांग्रेस के बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद ने अपने एक बयान में कहा था कि समिति बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे और संयुक्त कार्यक्रमों के संबंध में वाम दलों के साथ वार्ता करेगी।
कांग्रेस अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।पिछली बार पार्टी ने लगभग 92 सीटों पर चुनाव लड़ा था और अब यह अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। ऐसे में समिति सीटों की पहचान करेगी और अंतिम सौदे के मद्देनजर वाम दलों के साथ वार्ता करेगी। हालांकि, बिहार चुनाव के परिणाम से पार्टी को अधिक सीटें मिलने की संभावना में बाधा आ सकती है। बिहार चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन कर पाने में नाकामयाब रही और पार्टी को सत्तारूढ़ राजग से मुकाबले में महत्वपूर्ण सीटें गंवानी पड़ीं, जिसका प्रभाव राजद गठबंधन पर देखने को मिला। ऐसे में कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल चुनाव में बेहतर करने का दबाव बना हुआ है।