कोलकाता : बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल ने कहा कि युवा और खेल मामलों के राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला का इस्तीफा दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इसका असर पार्टी पर नहीं पड़ेगा। वहीं, भाजपा ने कहा कि पूर्व क्रिकेटर शुक्ला का भगवा खेमे में स्वागत है। राज्य में विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले और परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी के तृणमूल कांग्रेस छोड़ने तथा उनके भाजपा में शामिल होने के करीब पखवाड़े भर बाद शुक्ला ने राज्य के सत्तारूढ़ दल से इस्तीफा दिया है। कांग्रेस ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस बिखरती जा रही है और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे रोक पाने में नाकाम हैं। जबकि, माकपा ने बनर्जी से यह बताने को कहा कि राज्य के मंत्री एक के बाद एक, इस्तीफा क्यों दे रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी ने शुक्ला को सम्मान दिया और उन्हें मंत्री भी बनाया। अलग-अलग क्षेत्र के लोगों को शामिल करने की हमारी नीति के तहत उन्हें शामिल किया गया। अगर वह पद छोड़ रहे हैं तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा लेकिन इससे पार्टी पर असर नहीं पड़ेगा।’’ शुक्ला को पार्टी का अच्छा सदस्य बताते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने उम्मीद जतायी कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि अगर शुक्ला उनकी पार्टी में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस की कोई राजनीतिक विचारधारा, दिशा नहीं है। यह माकपा के विरोध में बनी थी और अब इसकी अहमियत खत्म हो गयी है। जमीनी स्तर के लोग जानते हैं कि तृणमूल कांग्रेस के गिने चुने दिन ही रह गए हैं।’’ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शुक्ला से तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने का आग्रह किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस बिखरती जा रही है और बनर्जी को पता नहीं है कि इसे कैसे रोकें।
माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि शुक्ला खिलाड़ी थे और तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें विधायक बनाया। चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘उन्होंने मंत्री पद से क्यों इस्तीफा दिया, इस संबंध में शुक्ला और उनकी पार्टी सुप्रीमो ही बेहतर बता सकती हैं। लेकिन मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि एक के बाद एक मंत्री क्यों इस्तीफा दे रहे हैं।’’ बंगाल रणजी ट्रॉफी टीम के पूर्व कप्तान शुक्ला ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेजा था और उनका इस्तीफा स्वीकार हो चुका है। पश्चिम बंगाल में इस साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होना है।