तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : नए साल की खुशियाँ मनाते डीजे के शोर में डूबे खड़गपुर शहर में शूटआउट किसने किया। नववर्ष के दूसरे दिन शहर में यह सवाल हर तरफ तैरता रहा। हालांकि कुछ संदिग्धों से पूछताछ के बावजूद पुलिस के पास फौरी तौर पर इसका कोई जवाब नहीं था। बता दें कि पहली जनवरी की शाम शहर के मथुराकाठी इलाके में युवक का शव पड़ा मिला था। मृतक की शिनाख्त शहर के खरीदा निवासी अर्जुन शंकर के तौर पर की गई। मृतक के शरीर के ऊपरी हिस्से पर दो जगह गोली के निशान पाए गए । प्रारंभिक अनुसंधान के बाद पुलिस ने गोली मार कर हत्या का मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी। चुनावी बयार के बीच ताजा घटना ने शहर में नए सिरे से सिहरन दौड़ा दी।
नए साल के जश्न में डूबे शहर में वारादात को अंजाम किन लोगों ने और क्यों दिया , यह सवाल शहरवासियों को परेशान करता रहा । बताया जाता है कि मृतक अर्जुन सूद और जमीन की खरीद – फरोख्त के कारोबार से जुड़ा था । लिहाजा पुलिस कारोबारी शत्रुता के एंगल से ही मामले की जांच में जुटी है । दूसरे पहलुओं से भी विवेचना जारी है । पोस्टमार्टम के बाद अर्जुन की अंतिम यात्रा के दौरान शनिवार की दोपहर गोलबाजार बंद करा दिया गया । लिहाजा शहर के सबसे बड़े इस व्यावसायिक केंद्र में शाम ढलने से पहले ही सन्नाटा पसर गया । मामले की गंभीरता को देखते हुए बाजार परिसर में पुलिस गश्त तेज रही ।अर्जुन को दल का सक्रिय कार्यकर्ता बताते हुए तृणमूल कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजीत माईती ने कहा कि चुनाव नजदीक देख भाजपा माहौल बिगाड़ने की कोशिशों में जुट गई है । प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष के उकसावे पर हर तरफ हिंसात्मक वारदातें हो रही है । मामले की त्वरित जांच कर दोषियों की गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग हमने पुलिस से की है । दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी नेता अभिषेक अग्रवाल ने आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि अगर ऐसा है तो पुलिस – प्रशासन क्या कर रहा है । आखिर राज्य में सरकार किसकी है । टीएमसी के आतंक के खिलाफ संघर्ष में हमने सौ से अधिक कार्यकर्ताओं को खोया है । हम भी मामले की त्वरित जांच और दोषियों की गिरफ्तारी चाहते हैं ।