तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : नेता भले गए हों , कार्यकर्ता और समर्थक नहीं … केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में मेदिनीपुर में पाला बदल के अघोषित ” विजय उत्सव ” के बीच तृणमूल कांग्रेस नेता कुछ ऐसे ही कथनों से दिल बहलाने की कोशिश करते रहे । स्थानीय कॉलेजियट मैदान में अपेक्षा के अनुरूप बल्कि उम्मीद से कुछ ज्यादा ही विरोधी खेमे के नेताओं के दल में शामिल होने से भगवा ब्रिगेड बल्लियों उछल रहा था। उनके लिए यह अघोषित विजय उत्सव जैसा ही था। क्योंकि चुनाव के मुहाने पर इतनी बड़ी सफलता की उम्मीद शायद किसी ने भी नहीं की थी। एक तरह से इसे बंपर ड्रा लग जाने सरीखा चमत्कार ही माना जा रहा था। भाजपा खेमे में सबसे बड़ी प्राप्ति शुभेंदु अधिकारी की मानी जा रही थी । क्योंकि राज्य खासकर जंगल महल में तृणमूल कांग्रेस की जड़े मजबूत करने का श्रेय उन्हें दिया जाता है । दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस नेता सूचनाओं के प्रवाह के बीच अपने लिए राहत भरी खबरें ढूंढ़ रहे थे । इसे लेकर दलीय नीति नियंताओं ने तर्कों के पहाड़ खड़े करने में भी देर नहीं लगाई ।
तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम मेदिनीपुर जिला समिति के अध्यक्ष अजीत माईती ने कहा कि मेदिनीपुर दौरे के क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जिस मकान में रूक कर भोजन किया , वह राज्य सरकार के बांग्ला आवास योजना के तहत बनाया गया । लेकिन भाजपा ने रातोंरात उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तौर पर रूपांतरित कर दिया । शाह ने जो चावल ग्रहण किया , वो भी राज्य सरकार लोगों को मुफ्त देती है । इससे पता लगता है कि भाजपा हमारी उपलब्धियों पर अपना टैग मार्क लगा रही है । माईती ने दावा किया कि विगत सात दिसंबर को मेदिनीपुर में आयोजित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जनसभा के मुकाबले तमाम लाव लश्कर के बावजूद शाह की सभा में ४० फीसदी भीड़ भी नहीं जुट पाई । जबकि भीड़ दिखाने के लिए लोग झारखंड और ओड़िशा तक से वाहनों में भर – भर कर लाए गए थे । शुभेंदु अधिकारी समेत बड़ी संख्या में टीएमसी नेताओं के भाजपा में जाने पर माईती ने कहा ” कुछ नेता बेशक गए हैं लेकिन कार्यकर्ता एक भी नहीं ” ममता बनर्जी के साथ छल करने वालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी । टीएमसी के आरोपों पर सफाई के लिए भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई ।