वाशिंगटन: कनाडा और ब्रिटेन में खालिस्तान आंदोलन को हवा देने वाले कट्टरपंथी और अलगाववादी अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अमेरिका में भी भारत विरोधी एजेंडा जोर-शोर से तेज कर दिया है। इसी के चलते खालिस्तान समर्थकों ने अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर तोड़फोड़ की है। सैन फ्रांसिस्को की गिनती संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और वित्तीय केंद्र के रूप में होती है।
सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ करने से पहले अलगाववादी समर्थकों ने प्रदर्शन कर खालिस्तान के झंडे लहराए। भारतीय अधिकारियों ने इन झंडों को हटाया, तो उन पर हमला कर दिया। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।इन लोगों ने दूतावास में घुसकर दरवाजे तोड़ते हुए नारेबाजी की। साथ ही दूतावास की दीवार पर फ्री अमृतपाल नारा भी लिख दिया।”
इसके अलावा खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के विरोध में खालिस्तान समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को में भारत के खिलाफ गोल्डन गेट ब्रिज के पास से रैली भी निकाली। रैली के दौरान भारतीय झंडे का अपमान किया गया। खालिस्तानियों ने भारतीय झंडे को गाड़ी के पीछे बांधा हुआ था।” खालिस्तान की इस हरकत पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है।
खालिस्तानियों ने PM मोदी- विदेश मंत्री जयशंकर वांटेड के पोस्टर भी लगाए।भारतीय उच्चायोग से तिरंगा हटाने की कोशिश करने के बाद खालिस्तानियों के खिलाफ पूरे भारत में गुस्सा फूट पड़ा है। सरकार ने अमेरिकी राजनयिकों के सामने कड़ी आपत्ति जताते हुए दूतावासों को सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही है। वहीँ देश भर में लोग इस घटना की निंदा कर रहे है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोगों की मांग है कि ऐसे लोगों के भारत के साथ सभी संबंधों को खत्म कर देना चाहिए।
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