कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने अन्य राज्यों के पंजीकरण नंबर वाले डॉक्टरों के खिलाफ सख्त पाबंदी लगाने का फैसला किया है। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ पहला प्रतिबंध यह है कि वे राज्य की स्वास्थ्य बीमा योजना, स्वास्थ्य साथी के तहत आने वाले मरीजों का इलाज नहीं कर सकते, जब तक कि वे अपना नाम पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल में नामांकित न करा लें।
राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे पश्चिम बंगाल के अस्पतालों को ऐसे किसी भी डॉक्टर की नियुक्ति न करने के लिए सचेत किया गया है। वहीं, विभाग के सूत्रों ने बताया कि इन डॉक्टरों को राज्य में प्रैक्टिस शुरू करने के छह महीने के भीतर पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल में नामांकन कराना अनिवार्य है।
इसके अलावा, सूत्रों ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में प्रैक्टिस करने वाले सभी चिकित्सकों को अपना पैन और आधार विवरण प्रदान करके स्वास्थ्य साथी पोर्टल पर अपना नाम सूचीबद्ध करना होगा।विभाग के एक अधिकारी ने कहा, इससे राज्य सरकार को दूसरे राज्यों के पंजीकरण संख्या वाले उन डॉक्टरों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जो राज्य चिकित्सा परिषद में नामांकित हुए बिना यहां प्रैक्टिस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में निर्णय स्वास्थ्य साथी योजना के तहत कवर किए गए कुछ रोगियों के बिलों पर जटिलताएं उत्पन्न होने के बाद लिया गया था, जहां संलग्न नुस्खे अन्य राज्यों के पंजीकरण संख्या वाले डॉक्टरों के थे। अधिकारी ने कहा, अक्सर ऐसे डॉक्टरों के विवरण को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है और इसलिए उन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया।